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ग्वालियर

श्रीराधा-कृष्ण पहनेंगे 100 करोड़ के एंटीक गहने, हीरा-पन्ना,माणिक-नीलम से जड़े हार-कंगन

  • 26 Aug 2024

 3-3 किलो के स्वर्ण मुकुट; पूजा में 50 किलो चांदी के बर्तन
ग्वालियर। गोपाल मंदिर में श्रीराधा-कृष्ण को 100 करोड़ से ज्यादा की एंटीक ज्वेलरी पहनाई जाएगी। इन आभूषणों में बेशकीमती रत्न हीरा, पन्ना, माणिक, मोती, पुखराज और नीलम जड़े हैं। ज्वेलरी 150 साल से ज्यादा पुराने सिंधिया रियासतकाल की है।
हर साल एंटीक जेवर को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से निकाला जाता है। इनमें सात लड़ियों का हार, कंगन, बाजूबंद, मोतियाें की माला, स्वर्ण मुकुट शामिल हैं। इनकी सुरक्षा के लिए 200 जवान तैनात रहेंगे। 50 से ज्यादा CCTV से भी निगरानी रखी जाएगी।
नगर निगम के जिम्मे गहनों का रखरखाव
श्रीराधा-कृष्ण को पहनाए जाने वाले बेशकीमती, एंटीक गहनों का रखरखाव और उन्हें बैंक से निकालने का काम नगर निगम के जिम्मे है। मंदिर में विराजमान श्रीराधा-कृष्ण के विशेष श्रृंगार के लिए गहनों को सेंट्रल बैंक के लॉकर में रखा जाता है। हर साल समिति बनाई जाती है, जो त्योहार के दिन सुबह गहनों को लॉकर से निकालकर श्रीराधा-कृष्ण मंदिर तक पहुंचाती है। यहां गहनों की सफाई कर भगवान का शृंगार किया जाता है। अगले दिन सुबह गहने उतार कर बॉक्स में रखते हैं। इसके बाद वापस लॉकर में रखवा दिए जाते हैं। बता दें, कि प्रशासन ने सभी जेवरों की अनुमानित कीमत 100 करोड़ आंकी है। किसी भी एक जेवर की कीमत की सूची नहीं बनाई है, इसलिए खास जेवर की कीमत का खुलासा भी नहीं किया गया है।
200 जवानों का ट्रिपल लेयर सुरक्षा घेरा
लॉकर से गहने निकालने और रखने के दौरान 50 पुलिस जवान और अफसर ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी में जाते हैं। आज त्योहार के दिन यहां सुरक्षा के लिए 200 से ज्यादा जवान तैनात किए जाएंगे। मंदिर की चारों तरफ से किलेबंदी की जाएगी। हर दरवाजे पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इस बार भी 50 से ज्यादा CCTV से नजर रखी जाएगी।
हर साल दो से ढाई लाख भक्त पहुंचते हैं
गोपाल मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप सरवटे ने बताया, कि मंदिर में जन्माष्टमी पर दो से ढाई लाख भक्त दर्शन के लिए करते हैं। महापौर, सभापति, नगर निगम कम्श्नर की विशेष निगरानी में बेशकीमती एंटीक गहनों को लॉकर से निकाल कर श्रीराधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। श्रीराधा-कृष्ण के मुकुट में लगा पन्ना अमूल्य है। भगवान के इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त साल भर इंतजार करते हैं। यही वजह है कि दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। इनमें विदेशी भक्त भी शामिल होते हैं।
700 किलो फूलाें से सजा महाकाल का दरबार
जबलपुर के पचमठा मंदिर में मंगला आरती, भोपाल के इस्कॉन टेंपल में भजनों पर झूम रहे भक्त
मध्यप्रदेश में जन्माष्टमी का पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। उज्जैन, भोपाल और ग्वालियर के श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा-आराधना हो रही है। बाबा महाकाल के दरबार को 700 किलो फूलों से सजाया गया है। गर्भगृह में फूलों का सिंहासन, दीवारों पर फूलों की लड़ियाें के साथ ही फूलों से बना छत्र और मोर पंख से सजावट की गई है। यहां श्रद्धालुओं को भगवान विष्णु और शिव के दर्शन एक साथ होंगे।
शाम 6 बजे बाबा की सवारी गोपाल मंदिर पहुंचेगी, जहां हरिहर मिलन होगा। रात 10 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गोपाल मंदिर में भगवान का दर्शन करेंगे। 12 बजे तक भगवान के दर्शन-पूजन, अभिषेक और आरती की जाएगी। 2 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे।
जबलपुर के पचमठा मंदिर में सुबह मंगला आरती से कृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत हुई। मंदिर में आज दिन भर पूजन चलेगा। भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। रात 12 बजे शहनाई वादन के साथ श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के किला मंदिर में कल जन्माष्टमी, आज ही पहुंचे श्रद्धालु
हर साल जन्माष्टमी पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बना किला मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। यहां मंगलवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जानकारी के अभाव में आज ही ताला गेट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। अधिकारियों के समझाइश के बाद वे वापस लौटे।
पचमठा मंदिर में मंगला आरती
जबलपुर के पचमठा मंदिर में सुबह मंगला आरती से कृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत हुई। मंदिर में आज दिन भर पूजन चलेगा। भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। रात 12 बजे शहनाई वादन के साथ श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
श्रीकृष्ण की विद्यापीठ के दर्शन के लिए कतार
उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भी सुबह से ही श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की विद्यापीठ के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। सुदामा, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की तीन मूर्तियां यहां स्थापित हैं। आश्रम में एक मंदिर भी है, जिसे सर्वेश्वर महादेव कहा जाता है। यहां 6000 साल पुराना शिवलिंग है। इसमें शेषनाग अपने प्राकृतिक रूप में हैं। माना जाता है कि गुरु सांदीपनि और उनके शिष्य यहां पूजा करते थे।
सांदीपनि आश्रम में कृष्ण लीला पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
सांदीपनि आश्रम के प्रमुख पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया- सुबह 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक श्रद्धालु लाइन में लगकर दर्शन कर सकेंगे। आश्रम में भगवान कृष्ण की लीलाओं पर केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।