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शाजापुर

श्रीराम मंदिर की भूमि पर हुए निर्माण पर चला बुलडोजर

  • 30 Nov 2024

चंद मिनट में दुकानें मलबे का ढेर बन गई
शाजापुर, निप्र। श्रीराम मंदिर की दुपाड़ा रोड स्थित भूमि पर निर्मित दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला और चंद मिनटों में ही दुकानें मलबे के ढेर में तब्दील कर दी गईं। इस दौरान रहवासियों ने कार्रवाई को गलत बताते हुए विरोध किया। ्रशुक्रवार सुबह दुपाड़ा पर श्रीराम मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए एसडीएम मनीषा वास्कले, तहसीलदार मधु नायक पुलिस बल के साथ बुलडोजर लेकर पहुंचीं। यहां अधिकारियों ने दुकानों पर बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया। इसके बाद रोड किनारे बने मकानों को तोड?े के लिए अमला आगे जिसका रहवासियों ने विरोध किया। इसके बाद कार्रवाई को रोकना पड़ा। रहवासियों का कहना था कि उन्होने करीब 20 वर्ष पूर्व उक्त भूमि को विधिवत ढंग से खरीद कर रजिस्ट्री और नामांतरण कराया था और निर्माण के लिए समस्त प्रकार की अनुमतियां भी ली गई थीं, लेकिन 20 साल बाद आज प्रशासन को याद आ रहा है कि उक्त भूमि श्रीराम मंदिर की है, जिसके बाद निर्माण को अवैध बताकर तोड़ा जा रहा है।
प्रशासन ने कहा- मंदिर भूमि को करा रहे मुक्त-
दुपाड़ा रोड पर प्रशासन ने कई दुकानों को तोडकर मलबे में बदल दिया। प्रशासन का कहना था कि तोड़ा गया निर्माण श्रीराम मंदिर माफी औकाफ की भूमि पर था जिससे हटाया जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि रहवासियों की रजिस्ट्री एवं नामांतरण सर्वे नंबर 95/2 पर किया गया था, लेकिन वह मंदिर की भूमि सर्वे नंबर 89 और 90 पर काबिज थे जिन्हे हटाया गया है। उन्होने बताया कि करीब 37 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है जिनका अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। जबकि रहवासियों का कहना है कि प्रशासन को सर्वे नंबर 89 और 90 तो पता है, किंतु सर्वे नंबर 95/2 कहां है, यह अधिकारी नही बता पा रहे हैं।
लगाया पक्षपात का आरोप-
बुलडोजर कार्रवाई को रहवासियों ने पक्षपातपूर्ण बताया। रहवासियों ने बताया कि उक्त भूमि पर कई  लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाए हैं, जिनकी जांच के बाद ही प्रशासन ने योजना की राशि दी थी। ऐसे में अधिकारियों की कार्यशैली भी संदेहास्पद है। एसडीएम ने कहा कि मामले में जांच कराई जाएगी और यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।