नई दिल्ली। श्रीलंका के उत्तर पूर्व के प्रमुख सांसदों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने भारत से मदद मांगी है कि श्रीलंका लंबे वक्त से तमिल मसलों के स्थायी राजनीतिक समाधान करे। सीनियर तमिल नेता और तमिल नेशनल अलायंस (TNA) के नेता आर संपथन के नेतृत्व में सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल कोलंबो स्थित भारतीय हाईकमिशनर गोपाल बागले से मुलाकात की है और उन्हें चिट्ठी सौंपी है।
कई नेताओं ने पीएम मोदी को लिखी है चिट्ठी
सात पेजों के इस चिट्ठी में श्रीलंका सरकार द्वारा 13वें संविधान संशोधन को लागू करने और सार्थक शक्ति हस्तांतरण करने सहित कई बातों को रखा गया है। इस चिट्ठी पर TNA की सहयोगी पार्टियों के नेता मवई सेनाथिराजा(ITAK), धर्मलिंगम सिथथन (PLOTE), सेल्वम आदिकलानाथन (TELO), उत्तरी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री सी।वी। विग्नेश्वरन और पूर्व सांसद सुरेश प्रेमचंद्रन (EPRLF) के साइन हैं। ये नेता 1987 के भारत-लंका समझौते के तहत एक संवैधानिक समझौता लाने की मांग कर रहे हैं।
इसमें भारतीय राजनीतिक नेतृत्व द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर किए गए हस्तक्षेप का भी उल्लेख है। चिट्ठी में 2015 में श्रीलंकाई संसद में पीएम मोदी का संबोधन भी शामिल है, जब उन्होंने सहकारी संघवाद में अपने अटूट विश्वास की बात की थी। पीएम को लिखे चिट्ठी में 13वें संशोधन को लेकर तमिल राजनीति की सीमाओं के बारे में भी बात की गई है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
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श्रीलंकाई तमिल सांसदों ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
- 19 Jan 2022