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इंदौर

श्री श्रीविद्याधाम पर मंदिर का प्रकाशोत्सव, मां पराम्बा भगवती का 16 फरवरी को नौका विहार

  • 16 Feb 2024

इंदौर। विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम पर मंदिर के प्रकाशोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी गिरिजानंद सरस्वती ह्यभगवनह्ण के विग्रह के प्रकाशोत्सव पर पादुका पूजन, षोडशोपचार पूजन, अभिषेक एवं आरती को आयोजन होंगे। ह्यभगवनह्ण को पुष्पांजलि समर्पित करने के लिए देशभर में फैले उनके शिष्य इंदौर आए हुए हैं। संध्या को 6 बजे से मां पराम्बा ललिता महात्रिपुर सुंदरी आश्रम परिसर में नौका विहार करेंगी।
आश्रम परिवार के यदुनंदन माहेश्वरी, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेन्द्र महाजन ने बताया कि आश्रम पर चल रहे प्रकाशोत्सव में ललिताम्बा महायज्ञ सहित अनेक विशिष्ट अनुष्ठान जारी हैं। आश्रम के 31 विद्वान प्रतिदिन महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में ललिता सहस्त्र नामावली से आहुतियां समर्पित कर रहे हैं। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर एवं आश्रम के संस्थापक स्वामी गिरिजानंद सरस्वती ह्यभगवनह्ण की प्रेरणा से भगवती के एक हजार नामों से ललिताम्बा महायज्ञ में प्रतिदिन सग्रहमख आहुतियां समर्पित की जा रही हैं। नर्मदा जंयती पर सायं 6 बजे से मां पराम्बा ललिता महात्रिपुर सुंदरी के नौका विहार की जीवंत झांकी के दर्शन होंगे। आश्रम परिसर में ही नौका विहार के लिए सुंदर झांकी का निर्माण किया जा रहा है, जहां सायं 6 बजे से भक्तों को दर्शन प्रारंभ होंगे।
मां निकलेगी भक्तों को दर्शन देने
महाष्टमी 17 फरवरी को मां अपने भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकलेंगी। सायं 5 बजे सुसज्जित रथ में सवार होकर मां आश्रम परिसर से कान्यकुब्ज नगर, 60 फीट रोड होते हुए सुखदेव नगर मेनरोड से कालानी नगर चौराहा होते हुए पुन: आश्रम पहुंचेगी। एक रथ पर पूज्य ह्यभगवनह्ण की प्रतिमा भी सुशोभित रहेगी। सायं 6 बजे 56 भोग के दर्शन होंगे।
सात हजार किलो फूलों से सजेगा पुष्प बंगला
महानवमी 18 फरवरी को सात क्विंटल फूलों से भव्य मनोहारी पुष्प बंगला श्रृंगारित होगा, जिसमें मां के दिव्य दर्शन होंगे। पुष्प बंगले का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रतिदिन दस कलाकार पुष्प बंगला तैयार कर रहे हैं। 18 फरवरी को सायं 6 बजे से आम भक्तों को पुष्प बंगले के दर्शन हो सकेंगे। पुष्प बंगले के लिए कुंद, गुलाब, बिजली, आर्केड, गेंदा, डच गुलाब एवं थाईलैंड से बेंगलुरू के रास्ते इंदौर आए कार्नेशियन प्रजाति के फूलों का प्रयोग किया जा रहा है। करीब 13 किस्म के फूल इस पुष्प बंगले में सजाए जाएंगे।