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इंदौर

शिव के जयकारों से गूंजे शिवालय, विद्युत सज्जा से सजे मंदिर, लगेगा भक्तों का मेला

  • 01 Mar 2022

इंदौर। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिवमंदिरों को रंगाई-पुताई, सफाई के साथ विद्युत सज्जा से सुसज्जित कर सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी गई। ताकि मंदिर आने-जाने वाले भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। मंगलवार को शिवरात्रि पर्व सुबह से श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान शिवालय हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहे। सुरक्षा को लेकर मंदिरों में प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए है।
जिले के सैकड़ों शिवालयों में आस्थावानों ने पहले से मोर्चा संभाल रखा है। भक्तों की यहाँ कतारें लगना अल सुबह से शुरू हो गई। दोपहर में खंडवा में भोले की बारात भी निकलेगी। भगवान भोलेनाथ की पूजा किसी भी भाव में की जाए तो वे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। महाशिवरात्रि के पूरे दिन सुबह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी और भोले बाबा की पूजा अर्चना कर खिचड़ी की प्रसादी ग्रहण करेंगे।
हंसदास मठ पर अभिषेक सहित विभिन्न अनुष्ठान बड़ा गणपति, पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर महाशिवरात्रि के महापर्व पर मंगलवार 1 मार्च को सुबह 9 बजे से हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में काशी विश्वनाथ एवं हंसेश्वर महादेश का नमक-चमक से महारुद्राभिषेक हुआ। मठ के पवनदास शर्मा ने बताया कि दोपहर में 2 बजे से हंसेश्वर महादेव के अभिषेक एवं भजन गंगा के आयोजन भी होंगे। सायं सात बजे से आकर्षक श्रृंगार के साथ शिव-पार्वती की मनोहारी झांकी सजाई जाएगी। प्रसाद वितरण भी होगा।
कांटाफोड़ शिव मंदिर पर अयोध्या के राम मंदिर और अष्ट विनायक की झांकी के दर्शन  
नवलखा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर पर बंगाल से आए 20 कलाकारों द्वारा इस बार शिवरात्रि पर 1 मार्च को गर्भगृह के ऊपर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की भव्य प्रतिकृति का निर्माण किया गया है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु बिंदल, संयोजक बी.के. गोयल एवं सचिव अजय खंडेलवाल ने बताया कि मंदिर के रजत मंडित गर्भगृह में भगवान शिव-पार्वती को स्वर्ण महल में विराजित कर अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण किया गया है। इस झांकी के निर्माण में 20 कलाकारों को पूरे दस दिन का समय लगा है। इसके साथ ही भगवान शिव-पार्वती के पुत्र गणेश की अष्ट विनायक की मनोहारी झांकी का निर्माण भी किया गया है, जिनके दर्शन शिवरात्रि को सायं 6 बजे से प्रारंभ होंगे। भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था भी रहेगी। महिला और पुरुषों के लिए दो अलग-अलग कतारें साथ-साथ चलेंगी ताकि दर्शन में आधे घंटे से अधिक का समय नहीं लगे। मंदिर स्थित सभी देवालयों का भी विशेष श्रृंगार किया गया है। पुष्पों एवं विद्युत सज्जा से अलंकृत उक्त झांकियां भक्तों के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केन्द्र रहेंगी। शिव विवाह में दूल्हे को लगाया उबटन मंदिर पर चल रहे शिव-पार्वती विवाहोत्सव में सैकड़ों भक्तों ने आज सुबह भगवान शिव को दूल्हे के रूप में उबटन एवं लेपन लगाया गया। मंदिर की भक्त मंडली द्वारा  अबटन लगाने की रस्म सुबह से शुरू हुई, जो देर तक चलती रही। दोपहर में दूल्हा बने भगवान शिव को पंचामृत से अभिसिक्त किया गया। भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। उबटन लगाने के दौरान भक्तों ने कई बार भगवान भोलेनाथ के जयघोष से मंदिर परिसर को गुंजायमान बनाए रखा। भक्तों ने भगवान के त्रिशूल और डमरू को भी उबटन-लेपन लगाया।
विद्याधाम पर आज महामृत्युंजय महायज्ञ  
विमानतल मार्ग स्थित  श्रीविद्याधाम पर चल रहे शिव नवरात्रि महोत्सव में मंगलवार 1 मार्च को सुबह 9.30 से 12 बजे तक महामृत्युंजय महायज्ञ का दिव्य अनुष्ठान भी आचार्य पं. रजेश शर्मा के निर्देशन में हुआ। पं. शर्मा के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस तरह के अनुष्ठान से सभी प्रकार के कष्ट, रोग, दुख, दारिद्रय एवं आधि-व्याधि दूर होकर सुख-समृद्धि, यश, धन लक्ष्मी एवं संतान की प्राप्ति होती है। अनुष्ठान आश्रम परिसर स्थित यज्ञशाला पर होगा। आश्रम पर चल रहे शिव नवरात्रि महोत्सव में सोमवार को संध्या को 6 बजे से भगवान शिव का नयनाभिराम श्रृंगार और सुबह 21 विद्वानों द्वारा लघु रुद्राभिषेक के दिव्य आयोजन संपन्न हुए। आश्रम परिवार के पूनमचंद अग्रवाल, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेन्द्र महाजन ने बताया कि ब्रह्नलीन महामंडलेश्वर स्वामी गिरिजानंद सरस्वती भगवन की प्रेरणा एवं उनके द्वारा स्थापित परंपरा के अनुरूप प्रतिदिन लघु रुद्राभिषेक के साथ संध्या को व्हीं नम: शिवायै च नम: शिवाय महामंत्र से लक्षार्चन आराधना भी की गई। महाशिवरात्रि 1 मार्च की रात्रि को भगवान शिव की विशेष चारो प्रहर महापूजा होगी। भगवान शिव को विभिन्न स्वरूपों में श्रृंगारित करने का क्रम भी नवरात्रि के पहले दिन से चल रहा है।