31 अगस्त से पर्युषण पर्व की शुरुआत होने वाली है जो 7 सितंबर संवत्सरी पर्व के साथ क्षमापन होगा इस पर्व में महिलाएं पुरुष बच्चे बड़ी संख्या में सुबह से मंदिर जाकर पूजा अर्चना प्रवचन सामूहिक प्रतिक्रमण एवं मंदिर जी में भक्ति का आयोजन होता है और रोज भगवान की अंग रचना बनाई जाती है मंदिर सजाया जाता है अमावस्या के दिन बड़ा कल्प होता है एकम के दिन जन्म वाचन होता है और दोनों समय का स्वामी वस्तल नगर में जुलूस का आयोजन किया जाता है देपालपुर नगर में एक बहुत अच्छी विशेषता है जो बुजुर्ग मंदिर जाने में असमर्थ होते हैं उनको विहार सेवा युवा वर्ग मंडल भगवान को घर ले जाकर उनकी पूजा दर्शन करवाते है यह बहुत ही अच्छा कार्य देपालपुर नगर में होता हे यह सम्प्रति राजा के समय की प्राचीन चमत्कारी श्री शांतिनाथ भगवान की मूल नायक है यहां पर महावीर स्वामी भगवान का मंदिर पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर दादावाड़ी दादा गुरुदेव की मौजूद है और सभी जगह विद्युत सज्जा बहुत ही सुंदर होती है इन दिनों जीव हिंसा नही होती थी और वो तो कतल हैं खाने बंद करवाने का होता हे 13 तारीख को धूप दसवीं का आयोजन मेहता परिवार की ओर से वर्षों से किया जा रहा है इस दिन श्री शांतिनाथ भगवान की अंग रचना मंदिर सजाया जाता है विद्युत लगाई जाती है वह भक्ति का बहुत बड़ा आयोजन किया जाता है इस दिन दिगम्बर समाज बाजे के साथ श्वेताम्बर मंदिर जाते हे और सुगंध दशमी पर धूप चढ़ाई जाती है वा भक्ति करते हे और नगर में बहुत अच्छी बात हे क्षमापना वाले दिन सभी एक दूसरे के घर जाते हैं और मिच्छामी दुकान क्षमा याचना करते हैं।