इंदौर। सोमवार शराब कारोबारियों के सिंडिकेट दफ्तर में हुए गोलीकांड के बाद पुलिस ने आरोपी चिंटू ठाकुर, हेमू ठाकुर और अन्य की रातभर तलाश की। इसके चलते उनके ठिकानों पर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिले। पुलिस ने आरोपियों पर दस हजार रुपए के इनाम की घोषणा भी की है।
बताया जाता है कि विवाद की शुरुआत गांधीनगर की शराब दुकान से एक तस्वीर को हटाने से हुुई थी। आरोपित चिंटू ठाकुर और उसका भाई हेमू ठाकुर असल में गांधीनगर की शराब दुकान पर कब्जा चाह रहे थे। बताया जा रहा है कि शराब कारोबार के सिंडिकेट में पांच दिन पहले ही हेमू ठाकुर की पार्टनर के रूप में इंट्री हुई थी। हेमू ने गांधीनगर की दुकान मांगी थी। दुकान का ठेका इस साल के लिए दिवंगत शराब कारोबारी वीरेंद्र ठाकुर के बेटे अर्जुन के पास था। दुकान में वीरेंद्र ठाकुर की तस्वीर लगी थी। चिंटू और हेमू ने तीन दिन पहले दुकान से उस तस्वीर को हटा दिया था। अर्जुन के लोगों ने फिर से उस तस्वीर को लगा दिया। इस पर विवाद बढ़ा। सिंडिकेट के दफ्तर में दोनों पक्षों के समझौते के लिए सोमवार को बैठक बुलाई गई। उसी बैठक में गोलीकांड हो गया।
गोली चलाने वाले चिंटू और हेमू अरसे से बाणगंगा क्षेत्र में अवैध शराब बेचने और अवैध कालोनी काटने का काम कर रहे हैं। अपने खास गुर्गे छोटे गुंडे के जरिए शराब की सप्लाई क्षेत्र में हो रही है। एक दिन पहले क्षेत्र में पकड़ी गई 60 पेटी अवैध शराब से भी दोनों भाइयों का नाम जोड़ा जा रहा है। बीते वर्षों तक धार जिले के बग्दून कस्बे में शराब दुकान में पार्टनर के रूप हेमू जुड़ा रहा। इंदौर जिले में शराब का कारोबार चलाने और नियंत्रित करने वाले सिंडिकेट बीते समय से शिकायत कर रहा था कि धार से अवैध शराब आ रही है। यह अवैध शराब स्थानीय कारोबारियों के धंधे का नुकसान कर रही है। इसके बाद हेमू को सिंडिकेट में शामिल करने पर सहमति बनी।
पार्टनर के तौर पर हेमू को पांच दिन पहले ही सिंडिकेट में जगह दे दी गई। हेमू ने गांधीनगर की दुकान मांगी जो वीरेंद्र ठाकुर का बेटा अर्जुन संचालित कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, कब्जे के लिए हेमू और चिंटू के लोगों ने पहले दुकान से वीरेंद्र ठाकुर की तस्वीर हटाई। विवाद शुरू हुआ तो सिंडिकेट ने समझौते के लिए दफ्तर बुलाया। चिंटू और हेमू ठाकुर अपने साथी गैंगस्टर सतीश भाऊ को लेकर दफ्तर पहुंचे। माना जा रहा है कि हमले की नीयत से ही दोनों भाई सतीश भाऊ को लेकर आए थे। हेेमू और चिंटू के जरिए सतीश सिंडिकेट में खौफ पैदा कर सीधे तौर पर शराब के धंधे में दबदबा कायम करने की चाहत रख रहा है।
डीवीअ ार नहीं मिला
सिंडिकेट का लसूडिय़ा क्षेत्र स्थित पूरा दफ्तर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। जिस हिस्से में गोली चली उसमें भी कैमरे लगे हुए हैं। गोली चलाने की पूरी घटना भी कैमरे में कैद हुई है। हालांकि पुलिस के हाथ रात तक सीसीटीवी के फुटेज नहीं लगे थे। सूत्रों के मुताबिक, कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकार्डर (डीवीआर) घायल अर्जुन ठाकुर के लोगों के कब्जे में है। घटना के तुरंत बाद सिंडिकेट के दफ्तर आकर वे लोग डीवीआर निकालकर ले गए।
इंदौर
शराब ठेकेदार गोली कांड फालोअप ... रातभर होती रही आरोपियों की तलाश पुलिस ने कई स्थानों पर दी दबिश
- 20 Jul 2021