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इंदौर

शहर की हवा सुधारने की कवायद, बीआरटीएस पर भी चलेगी सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसें

  • 06 Dec 2021

इंदौर। एयर क्वालिटी को बेहतर करने के लिए नगर निगम, प्रदूषण विभाग और शहर के जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। शुरूआत 56 दुकान से हुई थी। इसमें रेडिमेड कॉम्प्लेक्स और सांवेर रोड के एरिया में भी व्यावसायी और उद्योगपति आगे आए हैं। अब बीआरटीएस को प्रदूषण मुक्त करने की शुरूआत की जा रही है। बीआरटीएस के आसपास डीजल से चलने वाली बसों को बंद किया जाना है। शहर के अंदर चल रही बसों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देना है। इसमें टेंडर जारी किए गए हैं।
शहर में दौडऩे वाली सिटी बसों को सीएनजी और इलेट्रॉनिक बसों में बदला जा रहा है। शुरूआत में 19 नए रूटों पर 200 सीएनजी बसें चलाने की बात की गई है। अन्य रूटों पर भी 600 सीएनजी बसें चलाने का फैसला लिया गया है। दो दिन पूर्व 10 बसें इंदौर पहुंची हैं। शहर में अब सुपर कॉरिडोर को प्रदूषणमुक्त करने के साथ शहर में एअर क्वालिटी के लिए 80 इलेक्ट्रिक बसों के टेंडर जारी किए गए हैं। बसों के जरिए होने वाला प्रदूषण खत्म होने के साथ कार्बन क्रेडिट का लाभ मिल जाएगा।
नगर निगम द्वारा कचरे से गैस बनाने का सबसे बड़ा प्लांट देवगुराडिया में तैयार किया गया है, जो जल्द ही शुरू हो जाएगा। यह इंदौर ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा, जिससे निगम को डेढ़ करोड़ रुपए की सालाना आय के साथ-साथ सस्ती उठॠ भी मिलेगी, जिसका इस्तेमाल शहर में चलने वाली सिटी बसों में तो किया ही जाएगा, वहीं अन्य वाहनों को गैस बेची जाएगी। नगर निगम अपर आयुक्त के मुताबिक साढ़े 500 टन गीले कचरे से 18 हजार लीटर बॉयो गैस बनेगी।
उधर, सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह और नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने 56 दुकान, रेडिमेड कॉम्प्लेक्स और सांवेर पर एअर क्वालिटी में सुधार के लिए व्यापारियों के बीच जाने के साथ उद्गयोपतियों की बैठक ली थी। इसमें कोयले का इस्तेमाल बंद करने और डीजल भट्टी हटाने के साथ सीएनजी और प्लांट को लेकर काम करने की बात की थी। इसे लेकर शहर भर में काम शुरू हो गया है। नगर निगम ने मॉनिटरिंग के लिए एक टीम बनाई है।