लखनऊ: साइबर जालसाजों ने चार लोगों के खाते से करीब 1.50 लाख रुपये पार कर दिए। ठगी के यह मामले में पीड़ितों ने पीजीआई थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
फोन किया, खाते से निकल गई रकम
पीजीआई के उतरेठिया न्यू कॉलोनी निवासी राजेन्द्र प्रसाद सिंह का बचत खाता एसबीआई में है। सोमवार दोपहर उनके पास मेसेज आया कि पेटीएम केवाईसी सस्पेनडेड है। केवाईसी के लिए एक नंबर पर कॉल करने की बात लिखी थी। उसपर उन्होंने फोन किया। फोनकर्ता ने बातों में फंसाकर जानकारी हासिल की और फिर खाते से दो बार में 39,891 रुपये पार कर दिए।
गूगल से नंबर सर्च करना पड़ा महंगा
पीजीआई साउथ सिटी निवासी गगन टंडन ने गैस बुक करवाने के लिए गूगल से ममता गैस एजेंसी का नंबर हासिल किया। कॉल करने पर फोन उठाने वाले ने कहा कि पांच रुपये फोन पे से भेजने होंगे। सत्यापन के 24 घंटे बाद गैस डिलिवरी हो जाएगी। इसके बाद जालसाज ने गगन से सारी जानकारी हासिल कर उसके खाते से दो बार में छह रुपये निकाल लिए। अगले दिन जालसाज ने उनके खाते से तीन बार में और 50 हजार रुपये निकाल लिए।
क्यूआर कोड किया था स्कैन
पीजीआई के वृंदावन योजना निवासी केश कुमार का बचत खाता स्टेट बैंक में है। 10 जनवरी की सुबह उनके पास एक कॉल आई। फोनकर्ता ने अपना नाम दुआ बताया। उन्हें लगा उनका मित्र दुआ है। जालसाज ने कहा कि कुछ रुपये दे दो, कल दे दूंगा। जालसाज ने उन्हें क्यूआर कोड भेज दिया। जैसे ही राकेश ने कोड स्कैन किया खाते से 25 हजार रुपये निकल गए।
झांसा देकर ली खाते की जानकारी
वृंदावन योजना-4 सेक्टर-16 बी निवासी विवेक सागर ने 11 जनवरी को ग्रोफर से सामान मंगवाया था। एक सामान खराब आने पर उन्होंने रिप्लेसमेंट के लिए अप्लाई किया। गूगल से उन्होंने ग्रोफर का नंबर निकाला। कॉल की तो फोन उठाने वाले ने कहा कि रुपये खाते में वापस दिए जा रहे हैं। झांसा देकर खाते और डेबिट कार्ड की जानकारी हासिल की और फिर खाते से 35,200 रुपये उड़ा लिए।
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साइबर जालसाज : खाते से उड़ाए "1.53 लाख
- 20 Jan 2020