ठगी के शिकार लोगों को दो माह में 66 लाख से ज्यादा रिफंड कराए
इंदौर। जिस तेजी से इंटरनेट का उपयोग करते हुए हर काम को आसान बनाया जा रहा है और इसी के जरिए नई-नई टेक्नोलॉजी का यूज हो रहा है। उसी तेजी से शहर ही न हीं, बल्कि प्रदेश और पूरे देश में ऑनलाइन ठगी यानि फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब इस साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों को उनके रुपए वापस दिलाने के लिए पुलिस भी नई तकनीकों का उपयोग करते हुए उन्हें राहत दे रही है। पुलिस की स्पेशल टीम ठगाए गए लोगों को उनके रुपए वापस दिला रही है। इसी कड़ी में इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच सायबर फ्राड इनवेस्टीगेशन टीम ने वर्ष 2024 में आन लाइन ठगी के मामलों में दो माह में पीडि़तों को 66 लाख से ज्यादा की फ्राड राशि रिफंड करवाई है।
ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच की फ्राड इन्वेस्टिगेशन टीमों को सक्रिय किया गया है। क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित सायबर हेल्प लाइन,सिटीजन काप,एनसीआरपी पोर्टल आदि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त ऑनलाइन फ्राड की शिकायतों पर क्राइम ब्रांच की फ्राड इन्वेस्टिगेशन सेल द्वारा आवेदकों से फ्राड की सम्पूर्ण जानकारी लेकर त्वरित कार्यवाही कर आवेदकों के पैसे ठग से वापस कराने का कार्य निरंतर कर रही है।
चार साल में इतने रुपए कराए रिफंड
क्राइम ब्रांच टीम द्वारा ऑनलाइन फ्राड की शिकायतों में 2021 में 1 करोड़ 37 लाख रुपए आवेदकों को वापस कराए गए थे। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद 2022 में 3 करोड 92 लाख रुपए रिफंड कराए। जो बढकर 2023 में यह रिफंड राशि 4 करोड़ 32 लाख रुपए आवेदकों के खाते में सकुशल वापस कराए गए थे। 2024 में जनवरी एवं फरवरी के केवल 2 माह में आवेदकों के 66 लाख से अधिक राशि सकुशल वापस कराई गई।
इस कारण बनते हैं ठगी का शिकार
संकल्प अभियान के तहत जाने माने सायबर विशेषज्ञ डॉं. वरूण कपूर-अति. पुलिस महानिदेशक अब तक 661 कार्यशाला का आयोजन कर चुके हैं। एडिशनल डीसीपी,क्राइम, राजेश दंडोतिया भी सायबर की 200 से ज्यादा क्लास ले चुके हैं। इस दौरान सभी वर्ग के लोगों को सायबर क्राइम से बचाव के लिए जागरुक किया जा चुका है। जागरुक करने वाले लोगों में स्कूल छात्र से लेकर बड़े-बड़े अफसर तक शामिल हैं इसके बाद भी लोग सायबर क्राइम के शिकार कैसे हो जाते हंै तो इसका सीधा सा जवाब है कि हमारी लापरवाही और जल्दबाजी से ही सायबर फ्राड करने वाले हमें शिकार बनाते हैं। यदि इस मामले में हम अलर्ट रहेंगे तो सायबर क्राइम का शिकार नहीं हो पाएंगे।
इस नंबर पर शिकायत
पुलिस ने जनता से अपील की है कि आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन की धोखाधडी होने पर तत्काल क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित सायबर हेल्पलाइन नंबर ् 704912.4445 या सिटीजन काप एप्लीकेशन,एनसीआरपी पोर्टल आदि माध्यमों से शिकायत करे।
जागरुकता के लिए लगातार कार्यक्रम
पुलिस द्वारा सायबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया टीम के साथ जश इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड पहुंचे और वहां के एम्पलाईज को सायबर क्राइम के प्रति जागरूक किया। सायबर अवेयरनेस के तहत सॉफ्टवेयर कंपनी में आयोजित कार्यक्रम में दंडोतिया ने कंपनी के करीब 300 एम्प्लॉयीज को वर्तमान समय के सायबर अपराधों के प्रकारों और इनसे बचने के तरीकों को बताते हुए उन्हें पुलिस के पास आने वाली सायबर अपराधों की शिकायतों की केस स्टडी के आधार पर विभिन्न प्रकार के सायबर फ्राड,फाइनेंशियल फ्राड और सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों की जानकारी दी। उन्होंने सभी से कहा कि हम सभी दिन प्रतिदिन इन नई-नई तकनीकों से रूबरू हो रहे है, लेकिन जल्दबाजी में इसमें ध्यान रखने वाली सावधानियों पर ध्यान नहीं देते है और यही इन सायबर अपराधियों के लिए सबसे बड़ा मौका बन जाता है। इन खतरों से बचने का एकमात्र समाधान जानकारी और जागरूकता ही है। अत:हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर अपनी वर्चुअल दुनिया को भी सुरक्षित बना सकते हैं।
इन तरीकों से होती सायबर ठगी
-फर्जी वेबसाइट पर सोशल मीडिया आदि के माध्यम से लोगो की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर संपर्क करके उन्हें फर्जी लिंक भेजकर ओटीपी पिन दर्ज करवाकर भी आन लाइन फ्राड की वारदातें होती हैं।
-ठग द्वार सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन एवं वीडियो के माध्यम से वर्क फ्राम होम का प्रचार कर लोगो से संपर्क करके उन्हें पेंसिल,पेन पैकिंग, डाटा एंट्री या टाइपिंग वर्क जैसी फजी जाब दिलाने के नाम से भी कई आन लाइन ठगी के मामले सामने आ चुके हैं।
-ऑनलाइन लॉटरी केबीसी,गिफ्ट,कैशबैक,लोन ,बीमा एवं फेस्टिवल आफर्स में ऑनलाइन शॉपिंग आदि के प्रलोभन देकर भी ठग खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
-लोगों को ठग द्वारा कॉल कर स्वयं को बैंक अधिकारी बताकर क्रेडिट-डेबिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, गिफ्ट वाउचर रिडीम करने एवं एनुअल चार्जेस कम करने का बोलकर ठगी की जाती है।
-लोगो द्वारा जल्दबाजी एवं विश्वसनीयता की जांच किए बिना ई-कॉमर्स वेबसाइट, कोरियर, बैंक एवं वालेट्स कंपनी आदि के फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर सर्च करने पर वे ठग के संपंर्क में आ जाते हैं और खाते से पैसा गायब हो जाता है।
-ठग द्वारा परिचित बनकर झूठी निजी परेशानी बताकर तत्काल मदद ले नाम से फर्जी कॉल एवं सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करके पैसे की मांग कर कई लोगों से ठगी हो चुकी है।
-ठग द्वारा बैंकिंग व बिजली विभाग के अधिकारी या अन्य किसी भी प्रकार का झूठ बोलकर संपर्क करके लोगो के मोबाइल रिमोटली एसेस हेतु एनीडेस्क,टीम व्यूवर,क्विक सपोर्ट आदि ऐप डाउनलोड करवाकर भी आन लाइन ठगी की वारदातें होती हैं।
इंदौर
साइबर फ्रॉड-पुलिस सक्रिय, मिल रही राहत
- 07 Mar 2024