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इंदौर

सीईटी के लोकल छात्रों को दिए बाहर के सेंटर, कांग्रेस नेताओं ने कुलपति के सामने उठाए कई सवाल

  • 28 Aug 2021

इंदौर। आगामी 31 अगस्त को सीईटी अलग-अलग शहरों में होने वाली है, लेकिन सीईटी के सेंटरों को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। शुक्रवार को मप्र कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी विश्वविद्यालय पहुंचे और कुलपति से लोकल छात्रों को दूसरे शहर के सेंटर दिए जाने सहित कई सवाल खड़े किए।
दरअसल, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के 16 विभागों में संचालित होने वाले 41 कोर्स में प्रवेश के लिए सीईटी की परीक्षा 31 अगस्त को आयोजित की जा रही है। अलग-अलग शहरों में आयोजित हो रही इस परीक्षा में 16 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल होंगे। सीईटी में लोकल छात्रों को दूसरे शहर के सेंटर दिए जाने पर मप्र कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि जब परिवार के लोग ही छात्रों को इंदौर में पढ़ाना चाहते हैं तो छात्रों को इंदौर के बाहर के सेंटर क्यों दिए गए? उनकी मांग है कि लोकल छात्रों को इंदौर में ही परीक्षा का सेंटर दिया जाए। इसी प्रकार जो जहां का छात्र है उसे वहीं के सेंटर दिए जाना चाहिए।
छात्रों को कुछ हुआ तो कौन लेगा जिम्मेदारी?
मप्र कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी तेज प्रकाश राणे और अनूप शुक्ला ने सवाल खड़ा किया कि करीब 7 हजार छात्र यहां से बाहर जाएंगे और उसमें से अगर किसी को कोरोना हुआ या कुछ और हुआ तो क्या विश्वविद्यालय प्रबंधन या कुलपति इसकी जिम्मेदारी लेंगे क्योंकि कोरोना के कारण पूरे परिवार पर प्रभाव पड़ेगा। क्या विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों का इश्युरेंस करवाएगा, इस तरह के सवालों को लेकर काफी बहस भी हुई।
पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अपने ही कर्मचारियों के बच्चों को बाहर के सेंटर दे दिए हैं। इसका विरोध भी कर्मचारियों ने किया था और इस संबंध में उन्होंने ज्ञापन भी दिया लेकिन कुलपति ने इसमें कोई निर्णय नहीं लिया। जेईई और सीईटी की परीक्षा 31 अगस्त को होने पर भी सवाल उठाए गए हैं। पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वे लोकल छात्रों की परीक्षा इंदौर में ही करवाए, परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाएं और इंदौर में सेंटर की व्यवस्था करें। अगर विश्वविद्यालय प्रबंधन हमारी बात नहीं मानता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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