पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने लोगों की कार खरीदने के उत्साह को कम कर दिया है। हालांकि, सीएनजी ने हमें पेट्रोल और डीजल का विकल्प प्रदान किया है। सीएनजी की कीमत पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी कम है इसलिए फ्यूल के तौर पर सीएनजी से कार चलना काफी कम खर्चीला होता है। लेकिन क्या इनके नुकसान के बारे में आपको पता है।
स्पेस की कमी : सीएनजी कारों में सिलेंडर के लिए अधिक स्पेस की आवश्यकता होती है। इस वजह से कार में कम सामान आता है।
उपलब्धता की कमी : पेट्रोल-डीजल फ्यूल स्टेशन आपको हर छोटे-बड़े शहर या गांव-कस्बों में मिल जाएंगे, लेकिन देश में अभी भी सीएनजी स्टेशन्स की भारी कमी है। ऐसे में आप अगर शहर से बाहर जाते हैं या लंबे सफर पर जाने की प्लानिंग करते हैं, तो आपको पहले सीएनजी टैंक फुल करवाना जरूरी है। कई शहरों में सीएनजी नहीं मिलती है,
परफॉर्मेंस में कमी : सीएनजी कार चलाने वाले लोगों की शिकायत रहती है कि कार मन मुताबिक परफॉर्मेंस नहीं देती है। यही कारण है कि सीएनजी कारें पेट्रोल से चलने वाली कारों के मुकाबले पीछे रह जाती हैं।
इंजन के साथ दिक्कतें : यदि आप सीएनजी पर स्विच कर रहे हैं तो आपको अपनी कार के सर्विस शेड्यूल के बारे में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। इसका कारण यह है यह है कि पेट्रोल की तुलना में सीएनजी इंजन में इंजन फ्यूल और स्पार्क प्लग जल्दी खराब होता है।
कम रीसेल वैल्यू : सीएनजी कारों की रीसेल वैल्यू पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में कम होती है। अगर आपके कार में आफ्टरमार्केट सीएनजी किट लगा है और आप उसे डीलर के पास बेचने के लिए ले जाते हैं तो संभव है कि आपको कार की काफी कम रीसेल वैल्यू मिले।