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सीएम राइज स्कूल का हाल बेहाल

  • 24 Sep 2022

मिस मैनेजमेंट के चलते फ्री घूम रहे टीचर, औपचारिकता पूरी करने आते हैं स्कूल
छतरपुर। छतरपुर जिले के बिजावर में बना सीएम राइस स्कूल अपनी शुरुआती दौर में ही सही मैनेजमेंट ना होने की वजह से गहरी अव्यवस्था का शिकार हो गया। यहां अध्यापन के लिए करीब आधा सैकड़ा टीचरों की फौज तैनात कर दी गई। जबकि न तो इतनी कक्षाएं हैं और ना ही पढऩे के लिए इतने छात्र। जिस वजह से ज्यादातर टीचर दिन भर यहां से वहां घूमते नजर आते हैं। हालात यह हैं कि टीचर देर से स्कूल आते हैं और औपचारिकता पूरी कर यहां वहां टहलने लगते हैं। यही नहीं संस्था में नियुक्त किए गए टीचरों में से कई टीचर तो छतरपुर, नौगांव और सटई से अप डाउन कर रहे हैं। इस संस्था का पिछले साल का दसवीं का रिजल्ट सप्लीमेंट्री परीक्षा के बाद बमुश्किल 12त्न तक पहुंच पाया।
815 बच्चों का नाम दर्ज
संस्था में कक्षा 1 से 12वीं तक कुल 815 बच्चों के नाम दर्ज है। वहीं कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों के लिए तहसील कार्यालय के पीछे स्थित शासकीय प्राथमिक शाला क्रमांक 3 को ही सीएम राईज स्कूल में समाहित कर लिया गया। जिससे एक से 5वीं तक की कक्षाएं वहीं पर चल रही है। इस प्राइमरी संस्था में 5 टीचर पदस्थ हैं। स्कूल में कुल 94 बच्चों के नाम दर्ज है। तो कक्षा 6वीं से 12वीं तक की कक्षाएं एक्सीलेंस स्कूल में चल रही है। एक्सीलेंस स्कूल को ही सीएम राइस स्कूल में परिवर्तित किया गया है। यहां पर कक्षा 6वीं से 12वीं तक के कुल 721 बच्चों के नाम दर्ज है।
14 कक्षाएं 43 टीचर
कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 1 से ज्यादा सेक्शन हैं। जिस वजह से 6 से 12वीं तक कुल 14 कक्षाएं संचालित हो रही है। जिसके लिए कुल 43 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। 43 शिक्षकों में से 5 अतिथि शिक्षक हैं और 38 रेगुलर टीचर शामिल हैं। वहीं छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए कक्षाओं केवल 14 ही हैं। जिसके चलते ज्यादातर टीचर फुर्सत से बैठे रहते हैं।
नहीं बन पाया सही टाइम टेबल
टीचरों की तादाद ज्यादा होने के चलते यहां पर पढ़ाई करवाने के लिए अब तक सही टाइम टेबल भी नहीं बन सका है। केवल 14 कक्षाएं होने से कौन सा टीचर कब किस कक्षा में जाएगा इसका पूरा चार्ट तैयार ही अभी तक तैयार नहीं हो सका है। टीचरों की संख्या इतनी ज्यादा होने के बावजूद भी यहां बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है।
जरूरत से ज्यादा भेज दिए टीचर
सीएम राइस स्कूल में कई विषयों के टीचर अतिरिक्त पदस्थ कर दिए गए। यहां पर राजनीति और इतिहास की कक्षा 11वीं और 12वीं में केवल एक-एक कक्षाएं लगती है। जबकि इसके लिए दो-दो टीचर नियुक्त कर दिए गए । इस लिहाज से देखा जाए तो एक टीचर को दिन भर में केवल एक ही क्लास लेना है। बाकि समय फुर्सत रहेगी। जबकि इसी परिसर के पीछे मौजूद मॉडल स्कूल में इन विषयों के टीचर ही नहीं है। जिससे वहां पर या तो पद खाली है या अतिथि शिक्षक से काम चल रहा है।अंग्रेजी विषय के लिए सात टीचर नियुक्त किए गए हैं। इसी तरह अन्य कई विषयों का भी यही हाल है। इन हालातों में यहां पदस्थ अधिकांश टीचरों को बैठने के अलावा कोई काम ही नहीं है। जबकि कई स्कूलों में टीचरों के पद खाली पड़े हैं।
अप-डाउन से ग्रस्त है स्कूल
नगर के अन्य कई सरकारी कार्यालयों की तरह यह स्कूल भी स्टाफ के अप-डाउन की समस्या से ग्रस्त है। यहां पदस्थ करीब आधा सैकड़ा शिक्षकों और कार्यालयीन स्टाफ में से लगभग आधा स्टाफ छतरपुर, नौगांव और सटई से अप डाउन करता है। इनमें से कई कर्मचारी देर से आकर जल्दी वापस निकल जाने पर ध्यान लगाए रहते हैं।
खाली बैठे टीचरों से अध्यापन नहीं करवाया जा रहा
स्कूल के उप प्राचार्य संजय रिछारिया ने बताया कि यहां पर केवल 14 कक्षाएं संचालित हैं। जिनके लिए टाइम टेबल बनाया गया है। शेष टीचरों से फिलहाल अध्यापन नहीं करवाया जा सकता। जिससे कुछ टीचर फिलहाल फ्री है। अलग से खेल टीचर होने के बावजूद खेल की कोई भी गतिविधि अभी तक नहीं हुई है।
संस्था चयन पर उठ रहे सवाल
सीएम राइस स्कूल के लिए एक्सीलेंस स्कूल का चयन करने पर सवालिया निशान लग रहे हैं अगर भवन जगह और संसाधनों के मामले में देखा जाए तो मॉडल स्कूल बेहतर विकल्प था यहां पर एक्सीलेंस स्कूल से ज्यादा कक्षाएं और संसाधन मौजूद है मॉडल स्कूल का भवन भी नया है। पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों से भी लैस है। इसके बावजूद मॉडल स्कूल की बजाय एक्सीलेंस स्कूल का चयन सीएम राइज स्कूल के लिए किया गया।
फुर्सत नामा से बिगड़ रहे हालात
स्कूल में पदस्थ आधे से ज्यादा टीचरों के पास कोई काम नहीं होने से इसका असर स्कूल की व्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है। यहां पर टीचरों के बीच वर्चस्व को लेकर अंदरूनी अन बन बनी हुई है। जिसके चलते स्कूल का स्टाफ ही बच्चों से स्टाफ के खिलाफ दबाव डालकर शिकायतें करवाने में जुटा हुआ है। इतना ही नहीं स्कूल संबंधी कई विषयों को लीक कर सोशल मीडिया पर डलवाया जा रहा है। हालांकि स्कूल प्राचार्य एस.के. हिंगवासिया ने स्कूल स्टाफ के बीच अनबन होने की बात से इनकार किया है।