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दतिया

स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान

  • 13 Sep 2022

दतिया। सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 1 से लेकर 10वीं तक के विद्यार्थियों को अब भारी-भरकम बैग लेकर स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। अभी तक नन्हे-मुन्ने बच्चों को भारी बैग के कारण कंधे झुकने लगते थे और वह ठीक से चल नहीं पाते थे । इसी के चलते स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव प्रमोद सिंह ने जारी आदेश जारी में कक्षा एक से दसवीं तक के विद्यार्थियों के बस्तों का वजन निर्धारित किया है। अब इसी वजन के मुताबिक विद्यार्थी बैग लेकर स्कूलों में पहुंचेंगे।
सरकार के इस नियम का उल्लंघन करने वाले स्कूल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई भी की जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दृष्टि से स्कूल बैग पॉलिसी 2000 के तहत प्रदेश के सभी सरकारी गैर सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वजन तय कर दिया है। विद्यार्थियों के लिए या काफी राहतभरा फैसला है। सरकार के इस फैसले से कक्षा पहली के विद्यार्थी 1.6 से लेकर 2.2 किलो तथा कक्षा दसवीं के विद्यार्थी 2.2 से लेकर 4.5 किलो वजन के बैग ही ले जा सकेंगे।
हर 3 माह में वस्तुओं का वजन जांचा जाएगा सरकार के नए नियम के तहत कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों को कोई भी होमवर्क अब नहीं दिया जाएगा। कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं के वस्तुओं का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषय स्ट्रीम के आधार पर तय किया जाएगा। सरकार के इस आदेश का क्रियान्वयन जिला शिक्षा अधिकारी को प्राथमिकता के साथ करना है। और उन्हें अपने जिले में रहने वाली शालाओं का चयन कर प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग की भजन की जांच करना है। इसके साथ ही बैग का वजन निर्धारित सीमा में हो इसका पालन भी शक्ति के साथ करना है।
स्कूल को करना होगा इन नियमों का पालन
नए निर्देश के अनुसार स्कूलों को नोटिस बोर्ड व कक्षा में बसते के वजन का चार्ट प्रदर्शित करना होगा। स्कूल डायरी का वजन भी इस वजन में सम्मिलित किया गया है। शाला प्रबंधन समिति समय सारणी तैयार करेगी। जिसमें विद्यार्थियों को प्रतिदिन उपयोग की पुस्तकों व कॉपियां लाने के लिए बताया जाएगा। कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को अभ्यास पुस्तिका व कॉपियां लाने के लिए बताया जाएगा। आठवीं तक के विद्यार्थियों को अभ्यास पुस्तिका, होमवर्क बुक तथा अन्य सामग्री को साला में ही रखने की व्यवस्था करना होगी।
बिना पुस्तक के कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल एवं कलाओं की कक्षाएं लगाना होंगी। स्कूल बैग हल्के वजन के हों और जो विद्यार्थियों के कंधों पर फिट हो सके ऐसे बैग स्कूल में लागू किए जाएंगे। छात्र स्कूल में ट्रॉली बैग नहीं ला सकेंगे। पालकों से संवाद के लिए डिजिटल माध्यम अपनाया जाएगा।
हर तीन महीने में वस्तुओं का वजन जांचा जाएगा
सरकार के नए नियम के तहत कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों को कोई भी होमवर्क अब नहीं दिया जाएगा। कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं के वस्तुओं का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषय स्ट्रीम के आधार पर तय किया जाएगा। सरकार के इस आदेश का क्रियान्वयन जिला शिक्षा अधिकारी को प्राथमिकता के साथ करना है। और उन्हें अपने जिले में रहने वाली शालाओं का चयन कर प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग की भजन की जांच करना है। इसके साथ ही बैग का वजन निर्धारित सीमा में हो इसका पालन भी शक्ति के साथ करना है।