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इंदौर

सूक्ष्म चक्रो को जाग्रत करने का  सशक्त माध्यम है  भरतनाटयम नृत्य

  • 08 Feb 2024

 अलग अलग मुद्राओ के द्वारा ईश्वर की आराधना कर रही हैं लड़कियां
 इंदौर । वरदा कला संस्थान एवं नॉर्थ सेंट्रल  जोन एंड कल्चरल सेंटर द्वारा सयुंक्त रूप से बीमा नगर स्थित  कम्युनिटी हाल  में दक्षिण भारतीय भरतनाट्यम् नृत्य की 13 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चल रहा है। संस्थान की  निदेशिका और  कला गुरु  श्रुति  राजीव शर्मा ने बताया  कि कार्यशाला में  5 वर्ष से लेकर 35 वर्ष तक की  युवतियां  उत्साह के साथ भाग ले रही है। यहाँ सभी को  भरतनाट्यम  नृत्य की बारीकिया सिखाई जा रही है। शुरुआत मे श्लोकम् के द्वारा ईश्वर की आराधना बताई जा रही है। उसके बाद पुष्पांजलि और गणेश कोदुवम के द्वारा शिक्षा दी जायेगी।  भरतनाट्यम नृत्य  द्वारा ईश्वर की आराधना हेतु भोपाल से नृत्य शिक्षिका अदिति बांगरे आयेगी।
कार्यशाला का मकसद  सूक्ष्म शरीर के चक्रो को समझना और  उनके स्वामी देवताओ को जागृत करने का प्रयास करना।
श्रुति राजीव शर्मा ने बताया कि हमारे शरीर में 7 चक्र  होते हैं और हर चक्र का  अपना एक स्वामी है। मुलाधार चक्र का  स्वामी श्रीगणेश है , स्वाधीशठान चक्र का ब्रह्म, मणिपुर का लक्ष्मीनारायण, हृदय का जगदंबा, विशुधी का राधाकृष्ण, आज्ञा का महालक्ष्मी और सहत्रार चक्र का स्वामी आदिशक्ति है।
भरतनाटयम  नृत्य  में  इतनी  सकारात्मक ऊर्जा हैं कि  सभी सातों चक्र  जागृत हो जाते है।  कार्यशाला मे कला के साथ साथ अध्यातम का भी उत्थान हो रहा है। कार्यशाला  में वनिशा, उर्वशी, प्रिया, अविका, गर्विता आदि लड़कियां भरतनाट्यम  नृत्य की  बारीकिया  संस्कृत के  श्लोक के साथ सीख रही हैं। कार्यशाला 12 फरवरी तक रोजाना शाम 5.30  बजे से रात्रि  8 बजे तक चलेगी।