योगेंद्र यादव बोले, आज देश में एक ही नारा- नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोलनी है
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की सीखो कमाओ योजना को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुमराह करने का कार्यक्रम बताया है। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव के 5 महीने बचे हैं, अब युवा याद आ रहे, किसान याद आ रहे, बहनें याद आ रहीं, 18 साल तक इनकी याद नहीं आई। सरकार अब मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। बता दें, मध्यप्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना को स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत से लेकर हायर एजुकेशन तक कम्प्लीट कर चुके युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें 8 से 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
भारत जोड़ो अभियान के नेशनल काउंसिल मेंबर योगेंद्र यादव ने कहा, हमारे देश के संविधान, संस्कृति, सभ्यता को खत्म किया जा रहा है। इसलिए सामाजिक संगठनों ने तय किया है कि आपस के झगड़े बाद में सुलझा लेंगे, लेकिन आज जो हमारे घर में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं, बाल्टी में पानी लेकर आग से घर को बचाना है। बाल्टी का रंग मत देखो, बस घर कैसे बचेगा ये सोचना है। आज देश में एक आवाज नारे के रूप में गूंज रही है- नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोलनी है।
पंचायती राज संस्थाएं खतरे में
कमलनाथ बोले- हमारे यहां गवर्नेंस बाय डिफॉल्ट है। पंचायती राज बचा है क्या? पंचायत से मंत्रालय तक भ्रष्टाचार मचा है। जाति प्रमाणपत्र हो या राशन कार्ड पैसे दे दो तो बन जाएगा। हमारी पंचायती राज संस्थाएं खतरे में हैं। शिक्षा में प्राइवेट वालों को प्राथमिकता दो, सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। बिजली के खंभों पर तार नहीं हैं और तार हैं, तो बिजली नहीं है। 3 लाख 30000 करोड़ रुपए का कर्जा मध्यप्रदेश पर लाद दिया। इसका ब्याज चुकाने के लिए और कर्ज लिया जा रहा है। हमारे अतिथि शिक्षक, संविदा शिक्षक, आशा, उषा कार्यकर्ता... सब परेशान हैं।
कमलनाथ ने कहा, मैं मुख्यमंत्री था। अतिवृष्टि हुई तो नीमच, मंदसौर गया। शाम को जब वापस लौटा, तो अधिकारियों को बुलाया और कहा कि मैं देख कर आया हूं। अधिकारी बोले कि पटवारी - तहसीलदार सर्वे में लगाएंगे। मैंने उनसे कहा कि सर्वे तो मैं करके आया हूं। 1 हफ्ते के अंदर मुआवजा मिल जाना चाहिए, वरना मैं आपके आॅफिस में ताला डाल दूंगा। मुआवजा किसानों को मिल गया। इस तरह हम परिवर्तन ला सकते हैं। लेकिन, शिवराज सिंह तब इतनी घोषणाएं कर रहे हैं, जब चुनाव के 5 महीने बचे हैं।
भोपाल
सीखो-कमाओ योजना को कमलनाथ ने बताया गुमराह कार्यक्रम
- 18 May 2023