सगाई के तीन दिन बाद मेडिकल ऑफिसर को डेंगू, सात दिन बाद किडनी-लिवर ने काम करना बंद किया, मौत
सागर। सागर जिले में डेंगू से एक डॉक्टर की मौत हो गई। रहली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ.अरविंद पटेल ने गुरुवार देर रात भोपाल के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। 18 फरवरी 2022 को डॉ. अरविंद की शादी थी। 22 नवंबर 2021 को उनकी सगाई हुई थी। सगाई के तीन दिन बाद वे बीमार हो गए। उन्हें ढाई महीने बाद विवाह की वेदी पर बैठना था लेकिन चिता पर जा लेटे।
इस वज्रपात से पटेल परिवार ही नहीं चिकित्सा जगत व परिचित स्तब्ध हैं। डॉ.पटेल को एक सप्ताह पहले ही अस्पताल में ड्यूटी करते समय तेज बुखार की शिकायत हुई। जिसके बाद उन्हें सागर के भाग्योदय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर को डेंगू पाजिटिव पाया। इलाज के दौरान चार दिन के भीतर प्लेटलेट्स काउंट डेढ़ लाख से घटकर 12 हजार पर पहुंच गए। हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों उन्हें भोपाल रैफर कर दिया।
भोपाल में डॉ.पटेल को बंसल अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों के अनुसार डेंगू के इलाज के दौरान डॉक्टर पटेल मल्टीऑर्गन फेलियर के शिकार हो गए, जिसमें पहले फेफड़े फिर किड्नी, लिवर और अंत में हार्ट ने भी काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद उनका बचना नामुमकिन हो गया। गुरुवार देररात उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ.पटेल ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान ड्यूटी करते हुए सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी, डेंगू में भी वे लगातार मरीजों के इलाज में जुटे रहे लेकिन दूसरों को जीवनदान देने वाले डॉक्टर जब डेंगू का शिकार हुए तो उन्हें ही बचाना मुश्किल हो गया। अंतिम संस्कार पैतृक गांव बंडा स्थित हनौता पटकुई में शुक्रवार को किया।
किसान पिता ने बेटे को बनाया डॉक्टर, भाई ने बताया- वह कहता था बीमारी में पैसा और सोर्स काम नहीं आता, इसलिए कोविड गाइडलाइन का पालन करो डॉ.अरविंद के बड़े भाई देवेंद्र पटेल ने बताया पिता किसानी करते थे लेकिन उनका सपना अरविंद को डॉक्टर बनाना था। अरविंद ने अपनी मेहनत से न सिर्फ पीएमटी की परीक्षा पास की बल्कि प्रदेश के सबसे अच्छे कॉलेज एमजीएम इंदौर में दाखिला लिया। 2016 में अरविंद ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। एम्स में इंटर्नशिप करने के बाद उसने अपने शहर सागर लौटने का फैसला लिया।
पीएससी से चयनित होकर मेडिकल ऑफिसर बना और रहली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हुआ। इसी बीच माता-पिता चल बसे लेकिन बेटे ने पिता का सपना पूरा किया। वह कोविड में 20 घंटे अस्पताल में ड्यूटी पर रहता था। हमें घर से बाहर निकलने मना करता था। वह कहता था कि बीमारी में पैसा और सोर्स काम नहीं आता। इसलिए कोविड गाइडलाइन का पालन करो और घर में रहो।
खुशियां मना रहे थे, मातम छाया
भाई देवेंद्र ने बताया 22 नवंबर को डॉ.अरविंद पटेल की सगाई हुई। घर में खुशी का माहौल था। 18 फरवरी को शादी होना थी लेकिन सगाई से ठीक तीन दिन बाद अरविंद को बुखार आया और चंद दिनों में ही हमारी खुशियां मातम में बदल गई। भाई के मौत के बाद परिवार के सारे सपने बिखर गए।
सागर
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- 04 Dec 2021