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भोपाल

सिंगल मदर बनीं भोपाल की संयुक्ता बैनर्जी

  • 09 Sep 2021

भोपाल। भोपाल में एक महिला ने दकियानूसी रीति-रिवाजों को तोड़ा है। हालांकि, ये करना आसान नहीं था, लेकिन वो अपने फैसले पर डटी रहीं। काफी मंथन करने के बाद उन्होंने बिना पार्टनर मां बनने का निर्णय लिया और स्पर्म डोनेशन के माध्यम एक बेटे को जन्म दिया।
इस निर्णय में उनके परिवार और दोस्तों ने मानसिक और भावनात्मक सहयोग किया। उन्हें अपने फैसले पर गर्व है। यह कहानी है, ऑल इंडिया रेडियो में न्यूज ब्रॉडकास्टर के रूप में कार्यरत संयुक्ता बैनर्जी (37) की। उन्हें तीन बार बच्चा गोद लेने के ऑप्शन मिले, लेकिन बच्चा गोद नहीं मिल पाया। इसके बाद एक फैमिली डॉक्टर ने उन्हें आईसीआई तकनीक की जानकारी दी। इस पर अमल करके उन्होंने अपने मां बनने के सपने को पूरा किया।
अब मैं एक पापी हो गई हूं...
वो कहती हैं, अगर आप शादी के बंधन में हैं तो मां बने बिना एक महिला अस्तित्व ही न पूरा कर पाए, लेकिन अगर शादीनुमा संस्थान से या तो निकल गए हो या कभी प्रवेश ही न किया हो तो एक महिला का मां बनना एक पाप है। तो अब इस समाज की नजरों में मेरा एक पाप सामने आ चुका है। मैं पापी हो गई हूं। जब परिवार, दोस्त और दफ्तर के साथी आपके साथ हों तो धीरे-धीरे दिक्कतें आसान होने लगती हैं। मैंने मां को 70 साल की उम्र में साये की तरह मेरे साथ खड़ा पाया। कुछ दोस्त, जो इस दौरान सिर्फ मेरी पसंद और खुशी के हिसाब से अपनी दिनचर्या बनाते थे। कोई मेरी पसंद के अचार घर भिजवा रहा था, तो किसी का घर मेरे लिए खाली समय में आराम करने का ठिकाना बना।