DGR@एल एन उग्र
इंदौर इस समय चुनावी समर में... पूर्ण रूप से शबाब पर है... चुनावी चकलस... इंदौर में पूरे प्रदेश से... हटकर चर्चा हो रही है...कारण है... इंदौर एक से भाजपा ने... वजनदार...असरदार... बड़ा नाम... कैलाश जी को प्रत्याशी बनाया है... कैलाश जी को प्रत्याशी बनाना... काफी महत्वपूर्ण लगता है... इसी से यह चुनाव वजनदार हो गया है...।
भाजपा इस सीट को भारी... और कठिन मानकर चल रही थी... इसीलिए वजनदार नेता को ऊपर से... एक नंबर में लगाया गया है... लाया गया है... समीकरण तीखे हैं... और दोनों ही उम्मीदवार वजनदार हैं...संजय शुक्ला कांग्रेस से उम्मीदवार हैं जरूर... लेकिन पृष्ठभूमि बड़े भैया के पुत्र होने से...भाजपा की भी रही है... लेकिन संजय शुक्ला कांग्रेस में है...और वर्तमान विधायक हैं... उनके द्वारा कोरोनाकाल में... अपने क्षेत्र में काफी सराहनीय सेवा की है...तथा लगातार संपर्क में रहे हैं... फिर ट्यूबवेल का कार्य हो... गरीबों को आर्थिक मदद हो... धार्मिक यात्राएं हो... या शिव पुराण और अन्य कथाओं के माध्यम से...लगातार जनता के बीच बने रहे... वैसे भी संजय शुक्ला के बारे में...यह आम धारणा है कि... वह सहज उपलब्ध हैं...उनसे चर्चा के मध्य...यह भी महसूस हुआ कि... वह कहते हैं कि... मैंने एक परिवार के सदस्य के रूप में... सेवा भाव रखा... और पूरे विधानसभा क्षेत्र में... जीवंत संपर्क रखा...यही आधार मेरी जीत का भी आधार बनेगा... उनका आत्मविश्वास देखकर... यही लगता है कि... वह अत्यंत आशावादी और जीत के प्रति आशवस्त हैं... अपनी जीत के प्रति...भी वो निश्चिंत हैं...उनके चुनाव प्रचार में हमने यह भी महसूस किया कि... वह जिस प्रकार से संपर्क कर रहे हैं... वह पूरी योजनाबद्ध... और सोच विचार कर... एक-एक दिन अपना लक्ष्य तय कर...कार्य में लगे हैं... और उनकी जो टीम है... वह भी समर्पण भाव से कार्य कर रही है...इस उम्मीद में ही है ही की...संजय शुक्ला जीतेंगे ही सही...और कांग्रेस सरकार यदि बनी तो... वह मंत्री भी बन सकते हैं...हालांकि कांग्रेस सरकार बनेगी या नहीं... यह तय नहीं है फिर भी...संजय शुक्ला को कैलाश जी के सामने... बहुत कमजोर उम्मीदवार माना जा रहा है... परंतु हमने जिस तरह से...संपर्क के दौरान महसूस किया... वह यह है कि...संजय शुक्ला इतने कमजोर उम्मीदवार भी नहीं है... जितना उन्हें समझा जा रहा है...और वह कहते भी हैं कि... वह क्षेत्र क्रमांक एक के लिए खाली एक नेता या विधायक नहीं है... वह उसे क्षेत्र के बेटे बन कर रहे हैं... और रहेंगे भी... अब देखना तो परिणाम पर है की... संजय कितने सफल होते हैं... होते भी हैं या नहीं...और होते हैं तो कितना...लेकिन वे जिस आत्मविश्वास से...लवरेज नजर आए... इस आधार पर यह धारणा बन रही है कि... वह उतने कमजोर उम्मीदवार नहीं है... जितना उन्हें बताया जा रहा है... अगर वह कमजोर उम्मीदवार होते तो... उनके सामने भाजपा को... कैलाश जी जैसे बड़े नाम को...मैदान में उतरने की आवश्यकता नहीं होती...अर्थात यह अपने आप में सही है कि... संजय शुक्ला एक कमजोर उम्मीदवार नहीं है...
विविध क्षेत्र
संजय शुक्ला कमजोर प्रत्याशी नहीं है...?
- 01 Nov 2023