होशंगाबाद। रेवा नर्सिंग होम में महिला डॉक्टर की सीजेरियन डिलेवरी के दौरान पेट में 5.1 सेमी के प्लेसेंटा (शिशु की नाभि से जुड़ी नली) पेट में छोड़े जाने की लापरवाही का मामला सामने आया है। डॉक्टर दंपती डॉ. स्मृति पांडे और डॉ. गौरव पांडे ने नर्सिंग होम के डॉक्टरों की लापरवाही की सीएमएचओ और पुलिस में शिकायत की है।
डॉ. गौरव पांडे ने बताया उनकी पत्नी डॉ.स्मृति पांडे को 16 जून को मैने उन्हें रेवा नर्सिंग होम में डिलेवरी के लिए भर्ती किया था। डॉक्टर ने सीजर से डिलेवरी होने की बात कही थी। इसके बाद डिलेवरी की गई। 20 जून को डिस्चार्ज कर दिया गया। 23 जून को पत्नी को तेज ब्लीडिंग होने लगी। अस्पताल पहुंचे तो सामान्य जांच की। फिर 27 जून को ऑपरेशन के टांके कटवाने गए। बेटी के जन्म के बादपूजन के लिए रीवा चले गए। वहां पत्नी को दर्ज और ब्लीडिंग हुई। रीवा में कराई जांच में पता चला कि डिलेवरी के बाद 5.1 सेमी का प्लेसेंटा बाहर नहीं निकाला गया। कैंसर के इंजेक्शन दिए ताकि प्लेसेंटा निकल सके। इसके बाद नागपुर में डॉक्टरों को दिखाया जहां पर प्लेसेंटा निकाला गया। इससे प्रसूता डॉ. स्मृति पांडे को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉक्टर बोले- कई बार प्लेसेंटा एकरेटा चिपका रह जाता है
रेवा नर्सिंग होम के गायनिक डॉ. ईशान श्रीवास्तव ने बताया यह प्लेसेंटा एकरेटा का मामला है यह यूट्रस में चिपिका रहता है। किसी को ज्यादा चिपक जाता है। इस कंडीशन में कभी कभी यूट्रस भी निकालना पड़ता है। ऐसा बहुत कम ही होता है। एकरेटा एमआरआई से क्लीयर होता है। लेकिन इसे रेयर कंंडीशन में करते हैं। हमने इमरजेंसी सीजर किया था। जितना निकाल सकते थे निकाल लिया, ज्यादा निकालते तो ब्लडिंग होती और यूट्रस निकालना पड़ता। सीजर भी इसलिए करना पड़ा क्योंकि गर्भ में बच्चे ने न्यूकोनियम छोड़ दिया था। उन्हें परेशानियां हुई तो उन्हें हमसे मिलना था। वे रीवा चले गए हमसे फोन पर बात हुई तो परिचित डॉक्टर से ट्रीटमेंट करवाया। फॉलोअप नहीं करवाया।
होशंगाबाद
सीजर से हुई डिलेवरी में पेट में छूटा प्लेसेंटा
- 07 Sep 2021