इंदौर में तीन अन्य स्थानों पर बनेंगे बायो सीएनजी पंप
इंदौर। इंदौर के ट्रेचिंग ग्राउंड में एशिया के सबसे बड़े प्लांट से बायो सीएनजी गैस बनना शुरू होने के बाद इसे सिटी बसों को दिए जाने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है। इस प्लांट से जब तक 90 प्रतिशत मीथेन वाली बायो सीएनजी गैस तैयार होगी। उसके पहले ही शहर में रीफिलिंग सेंटर बनाकर बसों को गैस उपलब्ध करवाने की योजना बनाई जा रही है।
शहर से बाहर ट्रेचिंग ग्राउंड पर यह प्लांट होने के कारण यदि यहां पर बसों के लिए गैस रीफिलिंग सेंटर बनाया जाएगा तो शहर के अलग-अलग हिस्सों से सिटी बसों को ट्रेचिंग ग्राउंड पर जाना होगा। यही वजह है कि निगम द्वारा शहर में तीन अलग-अलग स्थानों पर बायो सीएनजी गैस के पंप बनाकर उसे स्टोर किया जाएगा ताकि सिटी बसों को रीफिलिंग के लिए शहर के अंदर ही सुविधा मिल सके। निगम द्वारा इस संबंध में अवंतिका गैस एजेंसी से चर्चा की जा रही है। यह संभावना जताई जा रही है कि निगम द्वारा शहर में तीन स्थानों पर इस तरह के बायो सीएनजी पंप बनाने के लिए संबंधित एजेंसी को जमीन उपलब्ध करवाएगा। एजेंसी वहां पर पंप तैयार कर उससे बायो सीएनजी गैस का वितरण कर सकेगी। निगम के अफसरों के मुताबिक जल्द ही इस योजना पर कार्य शुरू किया जाएगा।
फरवरी तक ही 400 बसें पहुंचने की संभावना
बायो सीएनजी प्लांट से इंदौर में 400 सिटी बसों के चलाने की योजना है। हकीकत यह है कि अभी तक एआईसीटीएसएल को बायो सीएनजी से चलाने के लिए सिर्फ 36 बसें ही मिल पाई है। अभी इन बसों के परमिट की प्रक्रिया पूरा होना बाकी है। इसके बाद ही यह सड़कों पर चल पाएगी। परमिट मिलने की प्रक्रिया पूरी होेने तक बायो सीएनजी प्लांट में वाहनों के उपयोग के लायक गैस तैयार होना शुरू हो जाएगी। यह संभावना जताई जा रही है कि फरवरी माह के अंत तक ही एआईसीटीएसएल के पास बायो सीएनजी चलने वाली 400 सिटी बसें उपलब्ध हो पाएगी।