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शाकिब अल-हसन और संदिग्ध बुकी के बीच हुई बातचीत सार्वजनिक

  • 30 Oct 2019

ICC ने जारी किया व्हाट्सएप पर हुई चर्चा का ब्यौरा..

दुबई. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान शाकिब अल-हसन पर दो साल का बैन लगाने के बाद आईसीसी ने बुकी के साथ हुई उनकी बातचीत को भी सार्वजनिक किया है। दीपक अग्रवाल नाम के बुकी से हुई बातचीत के बारे में बताते हुए आईसीसी ने कहा है कि पहली बार शाकिब से उसने 2017 में संपर्क किया था। उसके बाद से वह शाकिब अल हसन से लगातार संपर्क में था। आईसीसी के मुताबिक नवंबर, 2017 में जब बांग्लादेश प्रीमियर लीग में शाकिब अल हसन ढाका डायनामाइट्स टीम में थे। तब किसी शख्स ने अग्रवाल को हसन का नंबर दिया था।
अग्रवाल ने उस शख्स से बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेल रहे प्लेयर्स के नंबर मांगे थे। 19 जनवरी, 2018 को अग्रवाल ने शाकिब को मेसेज कर उन्हें बांग्लादेश, जिम्बाब्वे और श्रीलंका की त्रिकोणीय सीरीज में मैन ऑफ द मैच चुने जाने पर बधाई दी थी। आईसीसी ने कहा, 'बुकी ने इसके बाद हसन को एक और मेसेज किया और लिखा, 'क्या हम इस पर काम कर सकते हैं या आईपीएल तक मुझे इंतजार करना होगा।'
 इस मेसेज में 'काम' से अर्थ अग्रवाल को मैचों की आंतरिक जानकारी मुहैया कराने से था। इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा और 23 जनवरी, 2018 को शाकिब को अग्रवाल ने एक और मेसेज किया, 'ब्रो, इस सीरीज में कुछ है?' शाकिब ने खुद पुष्टि की है कि अग्रवाल का यह मेसेज त्रिकोणीय सीरीज की जानकारी को लेकर था। हालांकि तब शाकिब ने ऐंटी करप्शन यूनिट या फिर अन्य किसी अथॉरिटी को इसकी जानकारी नहीं दी थी।
यही नहीं शाकिब 2018 में हुए आईपीएल टूर्नामेंट में भी बुकी के संपर्क में थे और उन्हें अग्रवाल से मेसेज मिले थे। यही नहीं अग्रवाल ने शाकिब को बिटकॉइन्स, डॉलर अकाउंट्स के बारे में मेसेज किए थे। इसके अलावा उनकी अकाउंट डिटेल भी मांगी थी। इन मेसेजों के जवाब में शाकिब ने लिखा था कि वह 'पहले' उनसे मिलना चाहते हैं।
आईसीसी के ऐंटी-करप्शन कोड के उल्लंघन के इन सभी आरोपों को स्वीकार करने के बाद शाकिब पर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स में मंगलवार को दो साल का बैन लगा दिया गया। इसमें एक साल का बैन सस्पेंडेड है। अगर वह नियमों के अनुसार चलते हैं तो वह 29 अक्टूबर 2020 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं।
क्या कहता है आईसीसी का नियम
किसी भी तरह के संपर्क की जानकारी एसीयू को नहीं देने का अपराध एसीयू के कोड 2.4.4 के अंतर्गत आता है। शाकिब ने इसी नियम का उल्लंघन तीन बार किया। नियमानुसार किसी भी तरह के संपर्क की जानकारी एसीयू को तुरंत नहीं देने से मामले की छानबीन पर असर पड़ता है। इस अपराध के लिए कम से कम छह महीने और ज्यादा से ज्यादा पांच साल के बैन की सजा तय की गई है।