धौलपुर। बदले की आग ने एक सीधे-साधे दूध वाले को डकैत बना दिया। पहले वह साइकिल से गांव-गांव घूमकर दूध बेचता था। छोटे से विवाद में गांव के ही मंदिर कमेटी के लोगों ने उसके पिता का अपमान कर दिया। यह बात उसे इतनी नागवार गुजरी कि उसने कमेटी के कुछ सदस्यों को पीट दिया। फिर बचने के लिए बीहड़ों में भाग गया। मात्र 20 साल की उम्र में बीहड़ों की शरण लेने वाला यह कोई और नहीं... कुख्यात डकैत जगन गुर्जर था। कुछ दिन बाद ही उसके जीजा की हत्या हो गई। हत्यारे डकैत को मौत की नींद सुला कर वह गैंग का लीडर बन गया। 7 फरवरी को गिरफ्तार हुए जगन का आतंक राजस्थान सहित मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश तक में है।
28 साल पहले कूदा अपराध की दुनिया में
कुख्यात डकैत जगन गुर्जर 28 साल पहले अपराध की दुनिया में कूदा था। वर्ष 1994 में धौलपुर स्थित बाड़ी के भवूतीपुरा गांव का रहने वाले जगन ने पहला अपराध पिता के अपमान का बदला लेने के लिए किया। 28 साल में उस पर 123 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसमें ज्यादातर प्रकरण मर्डर और किडनैपिंग के हैं। पुलिस मुठभेड़ की तो गिनती नहीं है।
पिता करते थे पंडिताई
20 साल का लड़का जगन गांव में भैंस का दूध बेचता था। जगन के पिता शिवचरण गुर्जर लोक देवता बाबू महाराज के मंदिर पर पंडिताई करते थे। जगन 4 भाई है। साल 1994 में मंदिर का प्रसाद बांटने को लेकर कमेटी के लोगों ने जगन के पिता का अपमान कर दिया। इसका बदला लेने के लिए जगन गुर्जर ने कमेटी के लोगों को पीट दिया। गांव से भाग कर उसने डकैत मोहन गुर्जर के गैंग को जॉइन कर लिया।
सरगना की हत्या कर खुद बना लीडर
मध्यप्रदेश के डकैत मोहन गुर्जर की गैंग में 30 से 40 डकैतों में जगन का नाम भी जुड़ गया था। साल 1994 में खनपुरा में रहने वाले जगन के जीजा की जमीनी विवाद में डकैत मोहन गुर्जर के रिश्तेदारों ने हत्या कर दी। खून का घूंट पीकर करीब 5 साल तक डकैत गैंग के साथ लूटपाट व आतंक फैलाता रहा। जीजा की हत्या की बात को लेकर साल 1999 में जगन का लीडर मोहन गुर्जर से विवाद हो गया। गुस्से में जगन ने सरगना मोहन गुर्जर की हत्या करने के बाद गैंग की कमान संभाल ली। मोहन गुर्जर की गैंग का सरगना बनते ही उसके साथ तीनों भाई पप्पू गुर्जर, लाल सिंह और पान सिंह भी गिरोह में शामिल हो गए।
तीन राज्यों में डकैत जगन गुर्जर के नाम का डंका
लगातार 7 साल तक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान में डकैत जगन गुर्जर ने गैंग के साथ जमकर आतंक मचाया। मर्डर, किडनैपिंग और लूट को लेकर तीनों राज्यों में जगन गुर्जर का खौफ कायम हो गया था। आतंक फैलाने वाले जगन ने साल 2001 में पहली बार तत्कालीन एसपी बीजू जॉर्ज जोसफ के सामने सरेंडर किया।
11 लाख का इनाम
जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद डकैत जगन गुर्जर ने फिर से आतंक फैलाना शुरू कर दिया। मई-जून 2008 में गुर्जर आंदोलन के दौरान जगन उस समय चर्चा में आया, जब उसने राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी। इसके बाद डकैत जगन पर कथित तौर पर 11 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया। पुलिस का दबाव बढ़ता देखकर 30 जनवरी 2009 को जगन ने धौलपुर के कैमरी गांव में सचिन पायलट के समक्ष सरेंडर किया।
बेटी की शादी में अपराध से दूर रहने की खाई कसम
जगन की 3 पत्नियां, 4 बेटे और 2 बेटियां हैं। जून 2010 में बेटी की शादी में जेल में बंद डकैत जगन को पुलिस प्रोटेक्शन में गांव लाया गया। बेटी की शादी में डकैत जगन गुर्जर ने अपराध से दूर रहने की कसम खाई।
एनकाउंटर के डर से किया सरेंडर
करीब 8 साल जेल में रहने के बाद 6 मार्च 2017 को जगन गुर्जर जेल से बाहर आ गया। साल 2017 विधानसभा चुनाव में धौलपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पत्नी ममता को चुनाव में उतारा। चुनाव में पत्नी बुरी तरह हार गई। बौखलाए जगन ने लोगों को धमकाना शुरू किया। आतंक फैलाने के लिए उसने लोगों से मारपीट शुरू कर दी। जगह-जगह फायरिंग करने लगा। फिर बीहड़ों में फरार हो गया। एनकाउंट के डर से जगन गुर्जर ने 19 अगस्त 2018 को सरेंडर कर दिया। करीब छह महीने बाद दोबारा एक बार फिर से जमानत पर बाहर आ गया।
जेल से बाहर आते ही महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया
13 जून 2019 को धौलपुर के सायपुर गांव में मुखबिर के घर पर उसने फायरिंग की। घर में मुखबिर नहीं था। उसके घर की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके गांव में घुमाया। जगन के बढ़ते आतंक को देखते हुए पुलिस फिर सक्रिय हुई। 27 जून 2019 को बाबू महाराज के मंदिर में धौलपुर के तत्कालीन स्क्क अजय सिंह के सामने जगन ने सरेंडर कर दिया।
जेल में मचाया उत्पात
करीब सालभर बाद जेल से जमानत पर बाहर आते ही 6 जुलाई 2021 को जगन गुर्जर ने बाड़ी (धौलपुर) कस्बे में रहने वाले अपने साले और मामा के घर पहुंचकर फायरिंग कर दी। 4 सितम्बर 2021 में भवूतीपुरा के जंगलों से उसे गिरफ्तार किया गया। धौलपुर जेल में बंद रहने के दौरान जगन ने जमकर उत्पात मचाया। जगन के उत्पात को देखकर उसे अजमेर जेल शिफ्ट कर दिया गया।
मलिंगा को दी जान से मारने की धमकी
दिसम्बर 2021 में जमानत पर बाहर आने के बाद जगन ने बाड़ी (धौलपुर) कस्बे में फायरिंग कर दी। व्यापारियों की शिकायत पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने जगन गुर्जर को चेतावनी दे दी। इससे नाराज जगन ने 22 जनवरी को बाड़ी विधायक के खिलाफ वीडियो वायरल कर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस की टीमें बीहड़ों में छिपे जगन की तलाश में जुटी रहीं। करीब 15 दिन बाद सोमवार को करौली पुलिस ने डकैत जगन गुर्जर को जंगल में दबिश देकर पकड़ा।
धौलपुर
सीधा-साधा दूधवाला बन गया कुख्यात डकैत, अब एनकाउंटर के डर से सरेंडर किया
- 09 Feb 2022