इंदौर। शहर में अवैध शराब से हुई कई मौतों के बाद अब शराब व्यापारी ने एक नया सॉफ्टवेयर डेवलप किया है। जिससे अवैध शराब बिक्री रोकने में मदद मिलेगी। इस नए सॉफ्टवेयर में बोतलों पर लगे हुए होलोग्राम को स्कैन करते ही वैध और अवैध शराब का पता लग जाएगा। साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से किस काउंटर से बोतल बेची गई है। इसकी भी जानकारी रहेंगे।
सॉफ्टवेयर के जरिए ठेकेदार ना सिर्फ स्टॉक में होने वाली गड़बड़ रोक रहे हैं। एमएसपी और एमआरपी के बीच कीमतों में आने वाले अंतर को रोककर अपना मुनाफा भी बढ़ा रहे हैं। प्रदेश की 70 से ज्यादा दुकानों पर इसका उपयोग हो रहा है। सॉफ्टवेयर डेवलपर ने बताया कि डिस्टलरी से निकलने के बाद हर बोतल पर सरकार द्वारा दिए जाने वाले बार कोड या होलोग्राम लगाए जाते हैं। सॉफ्टवेयर उसी बारकोड को स्कैन करता है। जो अधिकृत हैं। नकली बार कोड इसमें रजिस्टर होते ही वो बोतल बेचने की इजाजत नहीं देता।
कीमतों पर रहेगा नियंत्रण
कम्प्यूटर, बार कोड स्कैनर, सीसीटीवी कैमरे और बड़ी टीवी स्क्रीन वाले सेटअप के जरिए सॉफ्टवेयर से किसी भी गलत सेल को रोका जा रहा है। उनके अनुसार कई बार दुकान पर बैठने वाला सेल्समैन, ठेकेदार द्वारा तय की गई कीमत से ज्यादा पर बोतल बेचता है। जिसका मुनाफा भी सेल्समैन रखता है। एमएसपी और एमआरपी के बीच के अंतर की वजह से ऐसा होता है। सॉफ्टवेयर में ठेकेदार द्वारा तय कीमत फीड करने के बाद सेल्समैन उसे ज्यादा कीमत पर नहीं बेच सकता। यदि सेल्समैन बगैर स्कैन किए बोतल बेचने की कोशिश करता भी है तो सीसीटीवी के जरिए उस पर निगरानी की जा सकती है। इसकी रियल टाइम रिपोर्ट मोबाइल पर किसी भी समय जांची जा सकती है। 2015 में उन्होंने पहला सॉफ्टवेयर बनाया, लेकिन वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। उसके जरिए एक बोतल बेचने में डेढ़ मिनट का समय लग रहा था। इससे सेल प्रभावित हो रही थी।
इंदौर
सॉफ्टवेयर से लग रही अवैध शराब की ब्रिकी पर रोक, किस दुकान से हुई शराब बिक्री इसकी भी मिलेगी जानकारी
- 10 Sep 2021