फर्जी रिपोर्ट लगाकर 50 हजार रुपए के लिए किया अप्लाइ
मंदसौर। मंदसौर में कोरोना संक्रमण से मौत होने पर फर्जी दस्तावेज बनवाकर सहायता राशि लेने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करते हुए 50 हजार रुपए की राशि ली है। संभवत: मप्र का यह पहला ऐसा मामला है। कलेक्टर गौतम सिंह ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, अस्पताल से भी जो मृतकों की जो रिपोर्ट प्रशासन को मिली, जांच में 11 व्यक्ति जिंदा मिले। अस्पताल की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए थे।
अफजलपुर थाना क्षेत्र के झिरकन गांव के रहने वाले प्रकाश पिता जुझार लाल के पिता की 1 मई 2021 को मौत हो गई थी। इसी प्रकार अम्बुगिर की पत्नी श्यामाबाई का 3 जून 2021 को निधन हो गया था। प्रकाश और अम्बुगिर ने सहायता राशि पाने के लिए अग्निहोत्री पैथ लैब एंड डायनेमिक सेंटर इंदौर की क्रञ्जक्कष्टक्र रिपोर्ट की फर्जी कॉपी लगा दी थी। जांच में पता चला ने दोनों ने आरटीपीसीआर की समान क्रमांक वाली रिपोर्ट सब्मिट की है।
दोनों दस्तावेजों में रिपोर्ट आईडी क्रमांक 11121052 लगाई थी। यह रिपोर्ट 22 साल के शोभाराम की थी, जो निगेटिव था। जिसे इन्होंने फर्जीवाड़ा कर पॉजिटिव बना लिया था। मामले का पता चलते ही कलेक्टर ने तहसीलदार को दोनों आवेदकों के खिलाफ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए।
ऐसे किया फ्रॉड का पर्दाफाश
कलेक्ट गौतम सिंह ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव होने वाले व्यक्ति की मृत्यु पर परिजनों को सरकारी सहायता के रूप में 50 हजार की अनुग्रह राशि दी जा रही है। इसमें झिरकन निवासी दो व्यक्तियों ने आवेदन दिए थे। दोनों आवेदक एक ही गांव के थे और दोनों के दस्तावेज में आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी एक ही नंबर की थी। शंका होने पर क्यूआर कोड द्वारा स्कैन कर जांच की गई तो पता चला कि आरटीपीसीआर किसी अन्य व्यक्ति की है, रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी।
221 को दी गई अनुग्रह राशि, जांच में 11 व्यक्ति जिंदा मिले
कोरोना से मौत के मामलों में जिला अस्पताल के दस्तावेजों में भी गड़बड़ी मिली है। सरकार की घोषणा के बाद 50 हजार की अनुग्रह राशि के लिए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से उन मृतकों की सूची मंगाई थी, जिनकी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने 130 लोगों की सूची दी थी, जिसमें 11 लोग जिंदा मिले, जिन्हें मृत बता दिया गया था। प्रशासन ने दस्तावेज को जांचने के बाद 221 मृतकों के परिवारवालों को 50- 50 हजार की अनुग्रह राशि दी है।
DGR विशेष
संभवत: मध्यप्रदेश में पहला मामला ... कोरोना रिलीफ फंड के लिए फर्जीवाड़ा
- 14 Jan 2022