इंदौर। डाक्टर से ढाई लाख रुपए की आन लाइन धोखाधड़ी की वारदात हो गई। उन्होंने स्टेट सायबर सेल को शिकायत दर्ज करवाई इसके बाद सेल ने डाक्टर को फ्राड के ढाई लाख रुपए रिफंड करवाए।
स्टेट सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 7 फरवरी 2022 को डाक्टर प्रवीण मिश्रा, सिनीयर सर्जन, शासकीय चिकित्सालय, महू द्वारा शिकायत की गई कि उनके मोबाईल नंबर पर टेक्स्ट मैसेज प्राप्त हुए, मैसेज को सही समझकर डाक्टर प्रवीण मिश्रा व्दारा मैसेज की लिंक पर क्लिक किया गया, जिसपर भारतीय स्टेट बैंक से मिलता जुलता एक फर्जी पेज खुला जिसमें इंटरनेट बैंकिग की लाग इन आई.डी. व पासवर्ड दर्ज करना था । इसके बाद अपना बैंक खाता नंबर व रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर दर्ज करने के पश्चात अगले पेज पर ओटीपी दर्ज करना था। डाक्टर मिश्रा ने प्राप्त ओटीपी दर्ज किया गया। इसके कुछ देर बाद ही डाक्टर मिश्रा को भारतीय स्टेट बैंक से मैसेज आया कि आपका 249998/- रुपये िलपकार्ट को ट्रांजेक्शन किया गया है, उक्त अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलते ही डाक्टर मिश्रा ने भारतीय स्टेट बैंक आफ इंडिय़ा शाखा में जाकर पता किया तो उनके खाते से 2,49,998/- रुपये के अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी की पुष्टि हुई। डाक्टर प्रवीण मिश्रा ने स्टेट सायबर सेल कार्यालय इंदौर में उपस्थित होकर अपने साथ हुए फायनेंसियल फ्राड की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता से देखते त्वरित कार्यवाही कर प्राप्त बैंक स्टेटमेंट, मोबाईल पर प्राप्त मैसेज का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी संकलित की गई। संकलित जानकारी के आधार पर फ्राडस्टर द्वारा फ्राड की राशि से िलपकार्ट से एक मंहगा मोबाईल हेण्डसेट, एक कैमरा व अन्य सामग्री का परचेस आर्डर किया जाना पाया गया। मर्चेंन्ट िलपकार्ट को त्वरित पत्राचार व दूरभाष से संपर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की गई, जिसके फलस्वरुप डाक्टर प्रवीण मिश्रा से फ्राड की संपूर्ण राशि वापस कराने में सफलता प्राप्त हुई। इस संबंध में डाक्टर मिश्रा व्दारा सायबर पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया है। उक्त कार्यवाही में निरीक्षक रामसुमेर तिवारी, उप निरी मनीषा पाटोदे, विजय बड़ोदकर, विक्रांत तिवारी व गजेन्द्रसिंह की सराहनीय भूमिका रही।
इंदौर
सायबर सेल ने दिलाए डॉक्टर के ढाई लाख रुपए
- 09 Feb 2022