सुल्तानपुर। यूपी एसटीएफ के हाथों सोमवार तड़के उन्नाव में मारा गया अनुज प्रताप सिंह सुल्तानपुर में भरत जी जवैलर्स के यहां 28 अगस्त को पड़ी डकैती में सबसे आगे था। सबसे पहले वही दुकान में घुसा था और दुकानदार भरत सोनी और उनके बेटे पर पिस्तौल तान दी थी। अनुज के मारे जाने के बाद उसके पास से पुलिस को दो पिस्टल, नौ कारतूस और चार किलोग्राम चांदी मिली है। अनुज प्रताप सिंह, सुल्तानपुर डकैती को अंजाम देने वाले गैंग के सरगना विपिन सिंह का सबसे करीबी माना जाता था। पुलिस द्वारा जारी सुल्तानपुर डकैती के वीडियो में भी वही सबसे आगे दिखाई दे रहा था। अनुज से पहले पुलिस ने इस डकैती में शामिल रहे मंगेश यादव को पांच सितम्बर को एनकाउंटर में मार गिराया था जिसे लेकर यूपी की सियासत गरमा गई थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव यूपी एसटीएफ पर लगातार जाति देखकर एनकाउंटर करने का आरोप लगा रहे थे।
सुल्तानपुर डकैती को अंजाम देने के लिए गैंग के बाकी चार सदस्य अनुज प्रताप सिंह के बाद ही दुकान में घुसे थे। बता दें कि अनुज को सोमवार तड़के करीब चार बजे उन्नाव के अचलगंज थाना क्षेत्र में घेर लिया गया। पुलिस के मुताबिक उसे सरेंडर करने को कहा गया लेकिन जवाब में उसने गोली चला दी। इसके बाद पुलिस की फायरिंग में वह मारा गया। अमेठी के रहने वाले अनुज प्रताप सिंह के सिर में गोली लगी है। गोली लगने के बाद पुलिस अनुज को लेकर जिला अस्पताल गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यूपी एसटीएफ इसके पहले सुल्तानपुर डकैती के अन्य आरोपियों के साथ भी मुठभेड़ कर चुकी है। इसमें पांच सितम्बर को एक आरोपी मंगेश यादव की मौत हो गई थी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान