मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने कुंवारे युवकों को शादी का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठने वाले एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स बनाकर कुंवारे युवकों को जाल में फंसाता था.
ऐसे चलता है ठगी का धंधा
मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो कुंवारे युवकों को शादी का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठ लेता था. फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स बनाकर कुंवारे युवकों को जाल में फंसाना और फिर लड़की का फोन नंबर उपलब्ध करवाना ये इस गिरोह का पहला कदम होता था. गिरोह में शामिल युवतियां इन कुंवारे लड़कों से पहले बातचीत करतीं और फिर अपनी जरूरत बताकर उनसे अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में पैसे जमा करवाती थीं.
जबलपुर निवासी संजय सिंह के साथ भी यही तरीका अपनाया गया, लेकिन जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ तो साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद साइबर पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए गिरोह के मुख्य सरगना बिहार निवासी मनोहरलाल यादव को गिरफ्तार किया है. वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है. आरोपी ने महिला मित्र की मदद से संजय सिंह को करीब 6.50 लाख रुपये का चूना लगाया था जिससे 1.80 लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं.
गिरोह में लड़कियां भी हैं शामिल
साइबर पुलिस की गिरफ्त में आए मनोहरलाल यादव ने पैसे कमाने के लिए फर्जी मैट्रिमोनियल साइट्स को अपना माध्यम बनाया है. जीवन जोड़ी, बेस्ट मैट्रिमोनियल और मैट्रीमोनी फॉर ऑल नाम से वेबसाइट्स बनाकर ये गिरोह कुंवारे युवाओं से संपर्क करता था. रजिस्ट्रेशन के नाम पर पहले 5 हजार रुपये जमा कराए जाते थे. इसके बाद विभिन्न लड़कियों की तस्वीरें और बायोडेटा दिखाकर लड़कों को जाल में फंसाया जाता था. लड़की पसंद आ जाने पर उसका फोन नंबर लड़के को दिया जाता था, जिसके बाद लड़के और लड़की में बातचीत शुरू हो जाती थी.
जिन लड़कियों की तस्वीरें, कुंवारे लड़कों को दिखाई जाती थीं, उनकी जगह पर गिरोह में शामिल युवतियां ही फोन पर संपर्क में रहती थीं. फिर ये लड़कियां अपनी आर्थिक समस्याएं बताकर अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में लड़कों से पैसे जमा करवा लेती थीं. कुछ समय तक लड़कों से बात करने के बाद ये लड़कियां बहाने बनाकर गायब भी हो जाती थीं. संजय सिंह के साथ भी यही पूरा तरीका अपनाया गया. जब लड़की ने फोन पर बात करना बंद किया तो संजय सिंह ने मैट्रिमोनियल साइट्स से संपर्क किया और उसने गुमराह करने का प्रयास किया,जिसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई.
कॉल सेंटर के जरिये होता था संपर्क
साइबर पुलिस के अनुसार ये गिरोह बकायदा वेबसाइट्स बनाने के बाद शादी कराने के नाम पर दस्तावेज जमा करवाते थे, जिससे युवक के संबंध में इनके पास पूरी जानकारी आ जाती थी जैसे नौकरी, आमदनी, फैमिली बैकग्राउंड आदि. फिर जो युवक पैसे वाले नजर आते उन्हें जाल में फंसाने का काम किया जाता. एक फर्जी कॉल सेंटर बनाकर लड़के-लड़कियों को उसमें नौकरी दी जाती थी जो कमीशन पर काम करते थे.
ये लड़के-लड़कियां मैट्रिमोनियल साइट्स से विवाह के इच्छुक लड़के-लड़कियों की जानकारी चुराकर उनसे संपर्क करते थे. इस गिरोह ने अभी तक राजनांदगांव, भिलाई, भागलपुर, मुजफ्फरनगर में कार्यालय खोलकर कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. स्टेट साइबर पुलिस ने पूर्व में भी एक फर्जी मैट्रिमोनियल गिरोह के सदस्यों को पकड़ा था, जिन्होंने इसके संबंध में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी थीं. बहरहाल इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में साइबर स्टेट पुलिस जुटी हुई है.
DGR विशेष
Exclucive : सावधान! आप भी तो नहीं बन रहे फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स का शिकार ( www.dgr.co.in)

- 19 Nov 2019