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भोपाल

सड़क हादसों में मध्यप्रदेश देश में दूसरे नंबर पर

  • 05 Oct 2022

आधी से ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें सड़कों पर
भोपाल। प्रदेश की पुलिस और परिवहन विभाग के लाख प्रयास के बावजदू प्रदेश में अनेक स्थानों पर आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं और अनेक निर्दोष लोग इन हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। इन हादसों की जांच में सामने आया है कि सबसे ज्यादा सड़क हादसे वाहनों की तेज गति और नशे में वाहन चलाने के कारण होते हैं। वर्तमान में सड़क हादसों में मप्र देश में दूसरे नंबर पर है, जबकि तमिलनाडु पहले पर। मप्र में हर साल 50 हजार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
इसमें आधी से ज्यादा यानी 24 हजार दुर्घटनाएं और 6 हजार मौतें सीधी सड़कों पर हो रही हैं, वहीं 1219 मौतें घुमावदार रोड पर। पुल, पुलिया, सड़कों के गड्?ढे, खड़ी चढ़ाई और निर्माणाधीन सड़कों पर होने वाले हादसे सीधी सड़क की तुलना में काफी कम हैं। इन आंकड़ों ने सड़क निर्माण से जुड़े इंजीनियरों को चौंका दिया है। यही वजह है कि इंडियन रोड कांग्रेस इस बार इंदौर में हो रही है, जिसमें 'रोड सेफ्टी; टार्गेट एंड वे-फॉर्वर्डÓ पर 4 दिन चर्चा होगी। इसमें एनएचएआई और सड़क से जुड़े 80 इंजीनियर और 120 रिप्रेजेंटेटिव शामिल होंगे। जो हल निकलेंगेे, उसे सड़क निर्माण करते वक्त इस्तेमाल किया जाएगा।
पांच साल से कम पुरानी गाडिय़ों से 3408 और 5-10 साल तक के वाहनों से 2,762 मौतें हुई हैं। यह 2020 में हुई कुल मौतों का 45 से 50 फीसदी है। हेलमेट नहीं पहने से 3,933 मौतें हुईं। इसमें 2646 ड्राइवर और 1,287 पैसेंजर की मौत हुई। सीट बेल्ट नहीं लगाने से 1,396 मौतें हुई हैं। 762 ड्राइवर और 634 पैसेंजर की मौतें हुईं।
नेशनल-स्टेट हाईवे
एनएच पर 2019 में 5977, 2020 में 5941 मौतें हुईं। बाकी सड़कों पर 2019 में 5272 और 2020 में 5200 मौतें हुईं।