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सत्तन गुरु उवाच

  • 06 Dec 2022

सवाल : राजनीति में शॉर्टकट पर आप क्या टिप्पणी करेंगे ?
जवाब: राजनीति में शॉर्टकट संगठन पैदा करता है ,वैसे ही होता है जैसे इंदौर में अभी मेयर उतरकर आया ,कैसे आया यह क्यों आया अब यह विवाद की वस्तु नहीं है ।संगठन के अपने-अपने कोष्ठ- प्रकोष्ठ हैं।  योग्यता की दृष्टि किसी विशेष व्यक्ति को ढूंढकर उस काम के लिए रख दिया ।शॉर्टकट कहोगे या कुछ और । क्योंकि वह आदमी राजनीति में कभी उठकर खड़ा नहीं हुआ । राजनीति में जब से मोदी सरकार आई है तब से भारतीय जनता पार्टी के पुरातन कार्यकर्ता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। जब से मोदी ने इसकी कमान संभाली है शाह ने अपनी कमान संभाली है, कुल मिलाकर के भारतीय जनता पार्टी के मेंबरों के साथ जो अन्याय अत्याचार हुआ है ,आयु सीमा का निर्धारण करने के बाद। यह जो नई पीढ़ी के हाथों में सरकार गई है इसके परिणाम आगे देखने को मिलेंगे ।लेकिन उसका मूलभूत उदाहरण आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी हैं, जिनको इन्होंने आते ही एक तरफ करके फेंक दिया। इस भाव भूमि के अनुसार लगता है कि जैसे बुजुर्गों की किसी भी सलाह को स्वीकार करने के लिए यह लोग तैयार नहीं है ।उन लोगों की बातों को सुनना और समझना चाहते हैं जो इनके अनुसार हो । उम्र का जो 70 साल तक है वह राजनीति कर सकेगा मोदी जी 72-73 के हो गए हैं ,अब 75 की उम्र का सिद्धांत लाएंगे तो मोदी जी जब इस उम्र के हो जाएंगे तो क्या हट जाएंगे ?तो कहीं-कहीं अपना किया हुआ भी अपने सामने आ जाता है । जो अच्छा होता है उसको लोग सर पर लेंगे बुराई जो है उसकी निंदा भी करेंगे मोदी का जो अच्छा है वह अच्छा है ।कुछ है जो मोदी से पहले किसी ने नहीं किया मोदी ने करके दिखाएं राजनीति का अपना तेवर है। उसकी सराहना भी करेंगे