उज्जैन। 21 जून को खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में खगोल प्रेमी जीवाजी राव वेधशाला पहुंचे थे। दरअसल शुक्रवार शुन्य छाया दिवस में दोपहर के समय एक स्थिति परछाई कुछ समय के लिए शुन्य हो ने की स्थिति को देखने के लिए लोग यहाँ पहुंचे थे। हालाँकि बादलो के कारण ज्यादा स्पष्ट नहीं दिख सका।
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने (परिक्रमण) के कारण सूर्य हमको कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच गति करता हुआ दिखाई देता है। उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है। अत: 21 जून को स्थानीय समय दोपहर 12 बजे (भारतीय मानक समय 12 बजकर 28 मिनट) पर सूर्य, कर्क रेखा पर लम्बवत होने के कारण परछाई कुछ समय के लिए शून्य हो गई। वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा गया। हालांकि बादलो की आवाजाही के कारण बहुत साफ नहीं दिख सका।
उज्जैन
सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात, परछाई गायब होने की घटना देखने के लिए पहुंचे खगोल प्रेमी
- 22 Jun 2024