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इंदौर

सभी दलों एवं संगठनों की आम राय बनी ... नगर निगम के महाघोटाले के दोषियों को मिले कड़ी सजा, शहर का पैसा वसूला जाए

  • 20 May 2024

इंदौर। नगर निगम का फर्जी बिलों के आधार पर करोड़ों के भुगतान लेने का महाघोटाला शहर के ऊपर कलंक है। इसके खिलाफ पूरे शहर को, सभी संस्थाओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आवाज उठानी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस घोटाले की जांच सिर्फ खानापूर्ति होकर न रह जाए बल्कि दोषियों को कड़ी सजा भी मिले और उनके द्वारा लूटा गया जनता का धन भी फिर वसूला जाए।
यह वह सामान्य राय है जो स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित चर्चा - ह्य घोटाले में भी नंबर वन ह्य में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों एवं विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों के बीच चर्चा में बनी। इस चर्चा में भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष एवं विधायक श्री गोपीकृष्ण नेमा, इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री चिंटू चौकसे, मप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव  राकेश सिंह यादव एवं आप पार्टी के डॉ. पीयूष जोशी ने भाग लिया। वर्षों से नगर निगम बीट कवर रहे वरिष्ठ पत्रकारों  राजेश ज्वेल, सुश्री नीता सिसौदिया, अभिषेक चेंडके, डॉ. जितेंद्र जाखेटिया एवं श्री उत्तम राठौर ने उनसे सवाल पूछकर घोटाले के आयाम उजागर किए।
नेता प्रतिपक्ष श्री चिंटू चौकसे ने कहा कि वे वर्षों से नाला टैपिंग जैसे कार्यों को लेकर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं और आरटीआई में जानकारी मांग चुके हैं लेकिन आजतक कोई जानकारी नगर निगम द्वारा उपलब्ध नहीं करवाई गई। क्षेत्र क्रमांक दो में एक अदृश्य संस्कार भवन बनाया गया और लाखों का भुगतान ले लिया गया। इतना बड़ा घोटाला बिना बड़े नेताओं की मिलीभगत के संभव नहीं है, ये छोटे कर्मचारियों के बस की बात नहीं है। इसके तार भोपाल से भी जुड़े हैं।
पूर्व नगर अध्यक्ष श्री गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि इस घोटाले के संदर्भ में शहर पहले है, पार्टी बाद में। इस घोटाले का आकर आज तक 140 करोड़ रुपयों का सामने आ चुका है और मेरा अनुमान है कि वह घोटाला एक हजार करोड़ रुपयों से ऊपर का है।
आप पार्टी के डॉ. पीयूष जोशी ने कहा कि ऐसे ही घोटालों के कारण भारत अमीर लोगों वाला गरीब देश बना हुआ है। जनता की याददाश्त भी बहुत कमजोर है, हर नए घोटाले के साथ हम पुराना भूल जाते हैं।
कांग्रेस नेता  राकेश सिंह यादव ने दावा किया कि इतना बड़ा घोटाला मात्र किसी अधिकारी या कर्मचारी के बस की बात नहीं है। हर तरह के चेक को, पासवर्डों आदि को बदलते हुए घोटाला करना बिना बड़े नेताओं की शह के संभव नहीं है। पत्रकार  राजेश ज्वेल ने जानकारी देते हुए कहा कि ये सभी फर्जी फाइलें दो करोड़ से कम की हैं और मात्र 19 पेजों की हैं, जिनका कोई आवक जावक नहीं है। इस घोटाले में ठेकेदार फर्मों के नाम भुगतान हुआ लेकिन उन्हें मात्र दस से 15 % कमीशन मिला जबकि 50% अभय राठौर और बाकी आॅडिट -  लेखा शाखा आदि को बंटा। पत्रकार श्री अभिषेक चेंडके ने पूछा कि क्या इस मुद्दे पर विशेष सम्मेलन की माँग करेगी ? इस पर श्री चौकसे ने कहा शत प्रतिशत और आचार संहिता समाप्ति के बाद कांग्रेस इस मुद्दे पर बड़ा जन आंदोलन खड़ा करेगी। वरिष्ठ पत्रकार सुश्री नीता सिसौदिया ने दु:ख व्यक्त किया कि शहर के जनप्रतिनिधियों में आम तौर पर इस घोटाले को लेकर कोई चिंता, पीड़ा या जागरूकता नहीं दिखाई देती। इस मुद्दे पर कई रिपोर्ट्स लिखने के बाद भी आज तक पक्ष या विपक्ष के किसी जन प्रतिनिधि ने इस पर उनसे सम्पर्क कर अपनी बात कहने की कोशिश नहीं की। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्र्प्रवीण कुमार खारीवाल,  नवनीत शुक्ला,  कमल कस्तूरी,कार्टूनिस्ट  इस्माईल लहरी, सुश्री सोनाली यादव, श्री विजय गुंजाल ने किया। कार्यक्रम का  संचालन पत्रकार एवं संस्कृतिकर्मी श्री आलोक बाजपेयी ने किया। आभार प्रदर्शन स्टेट प्रेस क्लब के वरिष्ठ महासचिव श्री नवनीत शुक्ला ने किया। शहर के हित में इस महत्वपूर्ण चर्चा में शहर की अनेक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। मप्र बैंक अधिकारी संघ के आलोक खरे, सद्भावना मंच के  मो. शफी शेख, एमपी मेडिकल आॅफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. माधव हसानी, सामाजिक कार्यकर्ता  सुनील अजमेरा, भाजपा नेता  बालकृष्ण अरोरा ह्यलालूह्ण, कांग्रेस नेता सादिक मंसूरी, कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय, राजनीतिक विश्लेषक गिरीश मालवीय, अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के नगर अध्यक्ष सुदेश गुप्ता प्रमुख हैं।