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इंदौर

समय नहीं थानेदार साहब के पास,  थाना लसुडिया क्षेत्र के रहवासियों ने नहीं देखा थाना प्रभारी का मुँह

  • 18 Oct 2021

अपराधों का गढ़ बन चुका लसुडिया थाना काफी चर्चा मे है, अपराधों में लगातार बढ़ोतरी होने के साथ थाना प्रभारी के प्रति क्षेत्र के रहवासियों मे भारी आक्रोश देखा जा सकता है...
इंदौर। नशेडियों के आतंक से परेशान रहवासियों, का लसुडिया थाना पर हंगामा।लगातार हो रहे अपराधों से चर्चित थाना है यह,जहाँ थाने के मुखिया का कहीं अता पता नही होता।जिसकी वजह से पूरा स्टाफ भी अपनी मन मर्जी करने से बाज़ नही आता,पूरे क्षेत्र में अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे है,इतना सब होने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारीयो द्वारा थाना प्रभारी लसुडिया पर कोई कार्यवाही क्यूँ नही हो रही ये एक बड़ा सवाल है।
ऐसा ही एक मामला लसुडिया थाना क्षेत्र के राजीव आवास विहार और स्कीम 78 के रहवासियों का है।जहाँ के लोग नशेडीयों के आतंक से परेशान हैं,आये दिन इन कालोनियों मे 20 से 25 लोगों की नशेडियो की टोली आकर आतंक मचाया करती है।जिससे यहाँ के रहवासियों मे इनका खौफ है,माता बहनो का निकलना दूभर हो गया है,रहवासियों का कहना है कि,हमने आज तक हमारे थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी का मुँह नही देखा है।ना ही बीट प्रभारी यहाँ आते हैं,शिकायत करने पर दो घन्टे मे नशेडीयों को छोड़ दिया जाता है।जिससे उनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वो रहवासियों से कहते है,जो उखाड़ना हो उखाड़ लो।राजीव आवास विहार और स्कीम 78 के रहवासियों ने थाना प्रभारी से मिलने की कोशिश की तो उनको तारीख पर तारीख की तरह समय पर समय दिया गया।उसके बाबजूद भी थाना प्रभारी महोदय के दर्शन नही हुये,और रहवासियों को फिर वर्किग डे मे ग्यारह बजे आने को कहा गया।अब लोग अपना काम धंधा करे या थाने के चक्कर लगाये,किसी भी प्रकार से इन कलोनियो मे पुलिस की तरफ से कोई ध्यान नही दिया जा रहा है,इसके लिये कालोनीवासियो ने पंडाल पर एक घोषणा भी की थी कि जो भी थाना प्रभारी से बात करके रिकॉर्डिंग पहुचायेगा उसे एक हजार का इनाम दिया जायेगा तो भी इन पर कोई असर नही पड़ा। फिलहाल रहवासियों ने आला अधिकारीयों और पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठायें है,और आला अधिकारियो से तत्काल कार्यवाही की मांग की है।अत्यधिक अपराधों के मामले में चर्चित इस थाने के लापरवाह थाना प्रभारी पर किसी तरह की कोई कार्यवाही का ना होना उन आला अधिकारीयों पर सवाल खड़े करता है जो सब कुछ जानने के बाद आंखे बंद किये बैठे हैं।