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दमोह

सरकारी क्वार्टर में महिला कॉन्स्टेबल का सुसाइड

  • 21 Feb 2023

डेढ़ माह पहले हुई थी 10 दिन के बच्चे की मौत, तब से तनाव में थी
दमोह। जिले में एक महिला कॉन्स्टेबल ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। नोहटा थाना में पदस्थ कॉन्स्टेबल ज्योति चढ़ार सरकारी क्वार्टर में रह रही थी। रात करीब 9.30 बजे परिजन ज्योति के क्वार्टर पहुंचे तो वह फंदे पर लटकी मिली। इसके बाद परिवार ने पुलिस को सूचना दी।
महिला कॉन्स्टेबल ज्योति चढ़ार के आसपास सरकारी क्वार्टर में रहने वाले पुलिसकर्मियों ने बताया कि ज्योति की शादी 2 साल पहले हुई थी। करीब डेढ़ माह पहले जन्मे 10 दिन के बच्चे की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही ज्योति तनाव में थी। इसी कारण परिजन भी उसे अकेला नहीं छोड़ते थे। ज्योति सोमवार को एक केस डायरी लेकर दमोह आई थी।
सुसाइड से पहले मां के घर से खाना खाया
ज्योति की छोटी बहन ने पुलिस को बताया कि सुसाइड से कुछ देर पहले ही वह जबलपुर नाका स्थित मां के घर आई थी। यहां खाना खाकर अपने क्वार्टर चली गई थी। कुछ देर बाद जीजा का सागर से फोन आया कि ज्योति फोन नहीं उठा रही है। हमने भी फोन किया, लेकिन उसने नहीं रिसीव किया। आनन फानन में हम क्वार्टर पहुंचे। वहां देखा तो ज्योति फंदे से लटकी थी। आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया और बहन को फंदे से नीचे उतारा। मुझे लगा कि शायद वह जीवित होगी, लेकिन उसकी सांसें रुक चुकी थी। इसके बाद मैंने पुलिस अधिकारियों को सूचना दी।
सागर में SAF में पदस्थ हैं ज्योति के पति
ज्योति के पति SAF में है, जो इस समय सागर में पदस्थ हैं। पुलिस ने उन्हें सूचना दी है। वह भी दमोह पहुंचे हैं। ज्योति की छोटी बहन तो मौके पर मौजूद है, लेकिन मां को स्वास्थ्य कारणों के चलते इस घटना की जानकारी नहीं दी गई है।
सरकारी क्वार्टर में ही रखा है शव
ज्योति का शव फिलहाल सरकारी क्वार्टर D ब्लॉक में ही है। कोतवाली पुलिस ने पंचनामा की कार्रवाई पूरी कर ली है। मौके पर पहुंची सीएसपी भावना दांगी ने बताया कि ज्योति ने सुसाइड कर लिया है। कारण अज्ञात है। मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया जा रहा है।
कुछ साल पहले गोली लगने से पिता की हुई थी मौत
करीब 2014-15 के दौरान ज्योति के पिता चतुर्भुज रक्षित आरक्षित केंद्र में ड्यूटी पर थे। इसी दौरान उनके हाथ में मौजूद राइफल अचानक चल गई, जिसकी गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी। उस समय यह कहा जा रहा था कि उन्होंने आत्महत्या की है, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में इस घटना को एक्सीडेंट बताया गया था। हालांकि उस मामले में मृत आरक्षक ज्योति की छोटी बहन अपने पिता की अनुकंपा नौकरी के लिए प्रयासरत है, लेकिन अभी तक उसे नौकरी नहीं मिली है।