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सवा करोड़ की गड़बड़ी पकड़ाई

  • 12 Mar 2022

जहां नुकसान हुआ नहीं, वहां भी बांट दिया मुआवजा; सरकार ने सदन में माना- भ्रष्टाचार हुआ है
भोपाल। भिंड जिले के 46 गांवों में ओला-पाला पीडि़त किसानों को बांटे गए 72.43 करोड़ रु. के मुआवजे में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि 2017 से 2020 के दौरान कोटवार, पटवारी, तहसीलदार, आरआई, एसडीएम ने उन गांवों में ओला-पाला का नुकसान दिखाकर कागजों पर ही करीब 15 करोड़ रु. का मुआवजा बांट दिया। जबकि जहां नुकसान हुआ था, वहां के पीडि़त किसानों को एक रुपए भी नहीं मिला।
किसान राजेश सिंह को मुआवजा मिलना था, लेकिन राशि बादाम सिंह को दे दी गई। मामला शुक्रवार को विधानसभा में उठते ही हंगामा मच गया। बाद में सरकार ने सदन में कहा कि हां भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन 15 करोड़ रु. नहीं, सवा करोड़ की गड़बड़ी हुई है। दो पटवारी निलंबित किए गए हैं। रिकवरी कर रहे हैं। संभागायुक्त से जांच कराएंगे।
कांग्रेस का आरोप- क्या एसडीएम आपका रिश्तेदार है
भिंड में साल 2017 से 2020 तक ओलावृष्टि से किसान परेशान हुए और मुआवजा किसी और को बांट दिया। सरकार बताए- क्या दो पटवारी ही दोषी हैं। एसडीएम का नाम क्यों नहीं ले रहे हो, क्या वो आपका रिश्तेदार है। पटवारी, एसडीएम आंखें मूंदकर किसी के खाते में कैसे पैसे डाल सकते हैं?
भाजपा का जवाब- 93 लाख की वसूली कर ली है
1.29 करोड़ में से 93 लाख की वसूली हो गई है। 33 लाख सही किसानों को भुगतान हो गया है। पटवारियों के निलंबन के बाद एफआईआर की गई है। एसडीएम मेरा रिश्तेदार नहीं, बल्कि कांग्रेस नेताओं ने 10-10 लाख रुपए फर्जी लिए है। जांच के बाद सब पर कार्रवाई होगी।
पहली बार माइक खराब होने पर वॉकआउट
विधानसभा में चर्चा के दौरान 15 मिनट में कांग्रेस ने तीन बार वॉकआउट किया। कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने प्रश्नकाल में कहा कि मैं जब खड़ा होता हूं, माइक बंद हो जाते हैं। आप सिस्टम चैक करवाइए। सभी सदस्य हंसने लगे। प्रजापति बोले- साउंड सिस्टम में गड़बड़ी है। नरोत्तम मिश्रा खड़े होते हैं माइक ऑन हो जाता है। मेरी घोर आपत्ति है। सिस्टम की खराबी पर विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। इसके 4 मिनट पहले आदिवासी बाहुल्य गांवों में बिजली लाइन नहीं होने पर कांग्रेस ने वॉकआउट किया था। 15 मिनट बाद मंत्री हरदीप सिंह डंग से सही जवाब नहीं मिलने पर जयवर्धन सिंह ने वॉकआउट किया।