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हिंदू अचानक जाग गए हैं- मुकेश खन्ना

  • 17 Aug 2022

अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ जबरदस्त सुर्खियों में है। यह फिल्म अपनी रिलीज से पहले से ही विरोध का सामना कर रही है। इतना ही नहीं, विरोध करने वालों ने सोशल मीडिया पर इसका बायकॉट भी किया। अब फिल्म की रिलीज के बाद भी कुछ लोग इसके बहिष्कार की बात कर रहे हैं। फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी खास नहीं है। अब तक की कमाई को देखते हुए कहा जा सकता है कि आमिर की यह फिल्म फ्लॉप होने की कगार पर है। हाल ही में इस फिल्म को लेकर ‘शक्तिमान’ फेम मुकेश खन्ना का बयान सामने आया है।
थोड़ा क्रिटिकल है केस
दरअसल एक मीडिया बातचीत के दौरान मुकेश खन्ना से पूछा गया कि फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ का कलेक्शन पांच दिनों में 50 करोड़ भी नहीं पहुंच पाया है। आमिर खान की पुरानी फिल्मों के मुकाबले इसका प्रदर्शन काफी खराब है। यह हर तरह से फ्लॉप होने की तरफ बढ़ रही है। आपका क्या मानना है? इस फिल्म का कंटेंट खराब है या आमिर खान के पिछले कुछ दिनों का बर्ताब और बयानों को लेकर जो सोशल मीडिया पर बायकॉट हुआ वह जिम्मेदार है? इस पर मुकेश खन्ना ने कहा, ‘देखिए यह थोड़ा क्रिटिकल केस है, जो पहले कभी नहीं हुआ। इससे पहले भी कई प्रोजेक्ट्स को लेकर प्रोटेस्ट हुए हैं, चाहें फिर वह ‘पद्मावत’ हो, ‘लक्ष्मी’ हो या ‘तांडव’ हो। लेकिन, यह पहला एक केस आया है, जिसमें पुरानी बातों को उठाकर विरोध हो रहा है। किसी ने ‘लाल सिंह चड्ढा’ का एक फ्रेम नहीं देखा था, तब भी विरोध हो रहा था।
‘दंगल’ पर नहीं पड़ा था असर
मुकेश खन्ना ने आगे कहा, ‘ऐसा लग रहा है जैसे कि जब जागो तब सवेरा। हिंदू लोग अचानक जाग गए हैं। मुझे हैरानी है कि शायद उस स्टेटमेंट के बाद आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ भी रिलीज हुई थी, लेकिन वह फिल्म हिट हुई थी और उसने अच्छा बिजनेस किया था।’ 
‘मुझे कोई खुशी नहीं मिली’
मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि इस फिल्म को लेकर मैं थोड़ा कंफ्यूज हूं कि यह फिल्म चली है कि नहीं। अगर यह सच में फ्लॉप हो रही है तो मुझे कोई खुशी नहीं मिलती कि किसी प्रोड्यूसर की फिल्म न चले। लेकिन, इस फिल्म में दरअसल, फिल्म से ज्यादा व्यक्तित्व की बात आ गई है। हम चाहते हैं कि फिल्म चलें। मुकेश खन्ना ने कहा, ‘सो कॉल्ड डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और घराने ओवर कॉन्फिडेंट हो गए कि देखो एक धर्म विशेष सॉफ्ट टारगेट है। इसको मारो पंच। थोड़ा सा हल्ला होगा, फिर हमारी फिल्म चल जाएगी। इसीलिए इस प्रवृत्ति को रोकना बहुत जरूरी है। आप सिर्फ एक धर्म विशेष को ही टारगेट नहीं कर सकते हैं।’