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हिन्दू नववर्ष का शुभारंभ भगवान श्रीराम के जयघोष के साथ होगा

  • 21 Mar 2023

दशहरा मैदान पर कल से 30 मार्च तक  सबके राम कार्यक्रम का भव्य आयोजन
  पं. प्रदीप मिश्रा , श्री श्री रविशंकर,एवं महंत राजू दास सहित अनेक हस्तियां आएंगी
 बंगाल के 60 कलाकारों ने बनाई 120 फीट ऊंची रामललला के मंदिर की प्रतिकृति
इंदौर। दशहरा मैदान स्थित अवध लोक पर 22 से 30 मार्च तक जन जन के आराध्य प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर आयोजित सबके राम कार्यक्रम  में अनेक दिव्य आयोजन होंगे। बंगाल से आए 60 कलाकारों ने यहां करीब 25 हजार वर्गफुट में अयोध्या में बन रहे भव्य रामलला के मंदिर की 120 फीट ऊंची प्रतिकृति का निर्माण किया है, जिसके दर्शन प्रतिदिन सुबह 7 से रात 11 बजे तक अयोध्या से लाई गई पवित्र रज एवं सरयू नदी के पावन जल के साथ होंगे। इसी तरह 108 कुंडीय राम जानकी सर्व विजय महायज्ञ का दिव्य अनुष्ठान भी 151 विद्वान आचायों के निर्देशन में होगा। अब तक 500 से अधिक यजमान युगल इस महायज्ञ में आहुतियां समर्पित करने हेतु अपना पंजीयन करा चुके हैं। महोत्सव में 23 मार्च को अयोध्या के हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज, 26-27 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु श्री श्री रविशंकर एवं 22 मार्च को सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा सहित अनेक विभूतियां आएंगी।
सबके राम लोक कल्याण समिति के संयोजक महेन्द्रसिंह चौहान एवं श्रीमती प्रवीणा अग्निहोत्री ने आज पत्रकारों को ह्यअवध लोक ह्य में निर्मित यज्ञशाला, अयोध्या के भव्य रामलला मंदिर एवं अन्य तैयारियों का अवलोकन कराते हुए बताया कि 22 मार्च को सुबह 10 बजे हिन्दू नववर्ष का शुभारंभ भगवान श्रीराम के जयघोष, 151 फीट ऊंची गुड़ी के पूजन एवं तदपश्चात राम जानकी सर्व विजय महायज्ञ तथा बंगाल के कलाकारों द्वारा एक माह के लगातार परिश्रम के बाद निर्मित अयोध्या के भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति के दर्शनों के साथ होगा। अयोध्या की पवित्र माटी एवं सरयू नदी के पवित्र जल के दर्शन भी यहां आम श्रद्धालु सुबह 7 से रात 11 बजे तक कर सकेंगे।
मालवा के तपोनिष्ठ आचार्य पं. माधव रामानुज शास्त्री के आचार्यत्व में 108 कुंडीय राम जानकी सर्व विजय महायज्ञ का शुभारंभ भी 22 मार्च को सुबह हो जाएगा। इसमें अब तक 500 से अधिक युगलों ने अपने पंजीयन करा लिए हैं या प्रतिदिन सुबह 7 से 10 बजे तक होगा। महायज्ञ में गुरुकुलों से जुड़े 151 विद्वान आचार्य भी शामिल होंगे। यहा शाला में चारों वेदों के नाम पर चार प्रवेश द्वार, दसों दिशाओं के सूचक संकेतक एवं मां नवदुर्गा की स्थापना भी होगी। प्रत्येक कुंड पर सुपारी के गणेशजी की प्रतिमा भी स्थापित होगी। महायज्ञ की पूणार्हुति पर यज्ञ में शामिल सभी भक्तों को राम जानकी सर्व विजय मंत्र भेंट किए जाएंगे।